पेगासस जासूसी मामले मे अनिल अंबानी सहित कई और नामों की चर्चा

पेगासस जासूसी मामले मे अनिल अंबानी सहित कई और नामों की चर्चा

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पेगासस जासूसी (Pegasus Snooping) कांड में नए-नए खुलासों का सिलसिला जारी है. ताजा लिस्ट में बिजनेसमैन अनिल अंबानी, सीबीआई के चीफ रहे आलोक वर्मा और तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के सलाहकारों के नाम होने की खबरें हैं. वहीं, इस मामले को लेकर संसद में घमासान जारी है. विपक्ष इस मामले की जांच और गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहा है तो सरकार इस पूरे मामले को बोगस बताकर पल्ला झाड़ रही है. मानसून सत्र के चौथे दिन भी शोरगुल, हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही टालनी पड़ी.

पेगासस का मामला पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में है. इजरायल की कंपनी NSO के बनाए पेगासस प्रोग्राम के जरिए दुनियाभर में तमाम नामचीन लोगों की जासूसी के आरोप लग रहे हैं. लिस्ट में 50 हज़ार से ज्यादा ऐसे फोन नंबर बताए जा रहे हैं, जिनके जरिए जासूसी की आशंका है. इस रिपोर्ट को फ्रांस के एक एनजीओ और एमनेस्टी इंटरनेशनल ने मिलकर तैयार किया है. रिपोर्ट में भारत के भी तकरीबन 300 लोगों के नंबरों का जिक्र है, जिनकी जासूसी की आशंका जताई गई है. इस कथित लिस्ट में भारत के 40 पत्रकारों, विपक्षी नेता राहुल गांधी और प्रशांत किशोर जैसे प्रभावशाली लोगों के नाम होने की खबर पहले ही आ चुकी हैं.

अब अनिल अंबानी का नाम आया

अनिल अंबानी (Anil Ambani). नामी कारोबारी और दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार मुकेश अंबानी के भाई. पेगासस जासूसी खुलासे में साझेदार भारतीय वेबसाइट ‘द वायर’ ने दावा किया है कि पेगासस की संभावित जासूसी वाली लिस्ट में अनिल अंबानी का नाम तो है ही, रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी (ADAG) समूह के अधिकारियों के फोन नंबर भी हैं. इन अधिकारियों में कंपनी के कॉरपोरेट कम्युनिकेशन चीफ टोनी यसुदासन और उनकी पत्नी शामिल हैं. इनके अलावा इस लिस्ट में फ्रांस के साथ रफाल डील में शामिल दसौ कंपनी के भारतीय प्रतिनिधि वेंकट राव पोसिना, साब इंडिया के पूर्व प्रमुख इंद्रजीत स्याल और बोइंग इंडिया के बॉस रहे प्रत्यूश कुमार के नंबर भी बताए जा रहे हैं.

बता दें कि साल 2018 में अनिल अंबानी का नाम एक विवाद से जुड़ा था. नरेंद्र मोदी सरकार ने फ्रांस के साथ 36 रफाल विमान का सौदा किया था, लेकिन दो बरस बाद 2018 में इस खरीद को लेकर सवाल उठने लगे थे. विवाद तब बढ़ गया, जब फ्रांस के राष्ट्रपति रहे फ्रांस्वा ओलांद ने इस सौदे में कॉरपोरेट साझीदार को चुनने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए थे. यह साझेदार कंपनी अनिल अंबानी की थी। रफाल डील विवाद में अनिल अंबानी का नाम भी सुर्खियों में रहा था.

CBI अधिकारियों के नंबर भी लिस्ट में?

आलोक वर्मा (Alok Verma). सीबीआई चीफ थे. लेकिन अक्टूबर 2018 में उन्हें पद से हटा दिया गया था. द वायर का दावा है कि आलोक वर्मा की बर्खास्तगी के कुछ ही घंटों बाद उनके फोन नंबर इजरायली स्पाइवेयर पेगासस की निगरानी लक्ष्यों की सूची में जोड़ दिए गए थे. मीडिया रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि आलोक वर्मा के परिवार के 8 सदस्यों के नंबर इस लिस्ट में थे, जिनमें उनकी पत्नी, बेटी और दामाद शामिल हैं. आलोक वर्मा ही नहीं, सीबीआई के दो और सीनियर अधिकारी राकेश अस्थाना और एके शर्मा का नाम भी इस संभावित जासूसी वाली लिस्ट में होने का दावा किया गया है.

दलाई लामा के करीबियों की भी जासूसी?

तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा (Dalai Lama) के करीबी सलाहकारों के नाम भी पेगासस की संभावित सर्विलांस टारगेट लिस्ट में होने की बात सामने आई है. द गार्डियन अखबार के मुताबिक, बौद्ध धर्मगुरुओं के स्टाफ, कई तिब्बती अधिकारियों और एक्टिविस्ट के नाम लीक हुए डेटाबेस में पाए गए हैं. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इन सभी लोगों को 2017 के अंत से लेकर 2019 के शुरुआत तक टारगेट के तौर पर चुना गया था.

द वायर की रिपोर्ट के मुताबिक, दलाई लामा के भारत में लंबे समय तक दूत रहे टेंपा इस संभावित लिस्ट में हैं. इसके अलावा दलाई लामा के वरिष्ठ सलाहकार तेंजिन तक्लहा और चिम्मी रिग्जेन का भी नाम है. अगले दलाई लामा का चुनाव करने वाले ट्रस्ट के प्रमुख सामदोंग रिनपोचे को भी 2018 में टारगेट किया गया था. निर्वासित तिब्बती सरकार के तत्कालीन प्रमुख लोबसांग सांगेय और दूसरे कई तिब्बती एक्टिविस्ट्स के फोन नंबर भी जासूसी की इस संभावित लिस्ट में होने का दावा किया गया है.

राहुल गांधी ने क्या आरोप लगाए ?

पेगासस मामले को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. शुक्रवार 23 जुलाई को संसद परिसर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए राहुल ने आरोप लगाया कि सरकार ने पेगासस का इस्तेमाल राजनीतिक हथियार के तौर पर किया. मेरा भी फोन टैप किया गया. इस पूरे प्रकरण के लिए सरकार जिम्मेदार है. इस कारनामे पर गृहमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए. प्रधानमंत्री के खिलाफ जांच होनी चाहिए. राहुल गांधी ने दावा किया कि राफेल मामले की जांच रोकने के लिए पेगासस का उपयोग किया गया. नरेंद्र मोदी ने इस हथियार का उपयोग देश के खिलाफ किया. इसके लिए सिर्फ एक शब्द है ‘राजद्रोह’. राहुल गांधी ने कहा कि क्या हम, आप पेगासस खरीद सकते हैं? कौन इसे खरीद सकता है, कौन इसका इस्तेमाल कर सकता है, ये सरकार को स्पष्ट करना चाहिए.

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