नई दिल्ली: नेहरु ने आजादी के बाद “भारत निर्माण” में अपनी 98 फ़ीसदी निजी सम्पत्ति यानी 196 करोड़ रूपए दान में दे दी थी। जब सावरकर 60 रूपए की पेंशन के लिए अंग्रेजों के यहां जी हुजूरी करते थे, मोतिलाल नेहरु 30 हज़ार रूपए सलाना टैक्स भर रहे थे।
इलाहाबाद के बीचो-बीच 40 बीघे में फैले आनंद भवन, स्वराज भवन और कमला नेहरू मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा संचालित कमला नेहरू अस्पताल देख लीजिए। इन तीनों का बाज़ार में कितने हज़ार करोड़ भाव होंगे इसका अंदाजा लगा लीजिए।
राहुल गांधी की दादी इंदिरा गांधी ने आनंद भवन सहित बची खुची सभी पुश्तैनी संपत्तियों को 16 नवंबर 1969 को राष्ट्र को समर्पित कर दिया था। वो सब छोड़िए थ्री ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी जिसके घर से चलाई जा रही थी, जिसकी मां से मिलने के लिए मुकेश अम्बानी को साउथ ब्लॉक में रजिस्टर भरना पड़ता था, अपॉइंटमेंट बुक करना होता था।
जिसके पिता और दादी ने देश के लिए शहादत दी हो। जिसके पुरखों के कपड़े सरकारी म्यूजियम की शोभा बढ़ाते हो। जो खुद 18 वर्षों से संसद का सदस्य है, उसे एक t-shirt के लिए ट्रॉल कर रहे हो।