चुनाव हारने के बाद पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के प्रधानमंत्री के बिगड़े बोल, कहा कश्मीरियों की सोच गुलामी वाली

चुनाव हारने के बाद पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के प्रधानमंत्री के बिगड़े बोल, कहा कश्मीरियों की सोच गुलामी वाली

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  1. पाकिस्‍तान अधिकृत कश्‍मीर के कथित प्रधानमंत्री राजा फारूक हैदर विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी पीएमएल एन के इमरान खान की पार्टी पाकिस्‍तान तहरीक-ए-इंसाफ के हाथों करारी हार के बाद भड़क गए। चुनाव परिणाम से नाराज हैदर ने कश्‍मीरी लोगों पर जातिगत टिप्‍पणी की और कहा कि 250 साल तक गुलाम रहने के बाद कश्‍मीरी लोगों की मानसिकता गुलामों वाली हो गई है। हालांकि राजा फारूक हैदर अपनी सीट बचाने में कामयाब हुए हैं।

मरियम नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल एन के नेता राजा फारूक हैदर ने एक संवाददाता सम्‍मेलन में कहा कि चुनाव परिणाम यह दर्शाते हैं कि 250 साल तक गुलामी में जीने वाले कश्‍मीरी लोगों की मानसिकता भी बिगड़ गई है। चुनाव में राजा फारूक हैदर ने अपनी सीट बचा ली है। हैदर के इस बयान के बाद पाकिस्‍तान में बवाल मच गया है। इमरान खानी पार्टी के नेता शाहबाज गिल ने कहा कि उन्‍हें इस बयान पर बहुत आश्‍चर्य है।

पीटीआई ने जीती अधिकतर सीटें, चुनाव में धांधली के आरोप

गिल ने कहा कि यह वही कश्‍मीरी लोग हैं जिन्‍होंने हैदर को पीएम बनाया था। इससे पहले इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने पीओके में हुए चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी और क्षेत्र में अगली सरकार उसके नेतृत्व में बनेगी। हालांकि चुनाव में धांधली और हिंसा के आरोप लगे हैं। स्थानीय मीडिया ने अनौपचारिक नतीजों के हवाले से यह खबर दी है। सरकारी ‘रेडियो पाकिस्तान’ की खबर के मुताबिक, पीटीआई ने 23 सीटें जीती हैं, जबकि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) आठ सीटों के साथ दूसरे और फिलहाल सत्ता पर काबिज पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) को सिर्फ छह सीटें मिली हैं।

मुस्लिम कांफ्रेंस (एमसी) और जम्मू कश्मीर पीपुल्स पार्टी (जेकेपीपी) को एक-एक सीट पर कामयाबी मिली है। उधर, जियो टीवी ने खबर दी है कि पीटीआई ने 25 सीटें जीतीं हैं, उसके बाद पीपीपी ने नौ और पीएमएल-एन ने छह सीटें जीतीं है। मुस्लिम कांफ्रेंस और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स पार्टी ने एक-एक सीट जीती है। पीटीआई को सरकार बनाने के लिए साधारण बहुमत मिल गया है और उसे किसी अन्य पार्टी के समर्थन की जरूरत नहीं है। यह पहली बार है कि वह पीओके में सरकार बनाएगी। परंपरागत रूप से, देश की सत्ताधारी पार्टी ही पीओके में चुनाव जीतती है।

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