
विराम दिवस (सातवें दिवस) की कथा में उमड़ी भक्तों की भीड़
मुजफ्फरपुर/बंदरा : भगवान की भक्ति पाने के तीन उपाय है। कथा श्रवण, जो सत्संग में जाने पर प्राप्त होता है, जहां कीर्तन व मनन के प्रति प्रेरित किया जाता है। यह मानव शरीर बहुत दुर्लभ है और इसे प्राप्त कर सांस को व्यर्थ नही गवाना चाहिए। क्योंकि मानव जीवन का परम उद्देश्य यही है कि यह अंश रूपी शरीर परमात्मा रूपी अंशी में मिल जाय और जीव को बार बार जन्म मरण के बंधन से उसे मुक्ति मिले। उक्त बातें धर्मादा कमिटी द्वारा शिवशक्ति धाम बरियारपुर, मोहनपुर में आयोजित शिव महापुराण कथा के सातवें दिवस(विराम दिवस) में कथावाचिका आराधना चतुर्वेदी ने कहा। कथा से पूर्व मुख्य यजमान विमलेश ठाकुर एवं रंजू देवी ने बाल व्यास को अंगवस्त्र, पाग एवं माल्यार्पण कर सम्मानित किया, वही धर्मादा कमिटी द्वारा वाद्य यंत्र पर संगत कर रहे मुकेश मिश्रा, सुनील सिंह, कमलेश एवं बाल व्यास के माता श्री को अंगवस्त्र से सम्मानित किया गया।

उन्होंने कहा कि कथा में जाने और श्रवण करने से आप सांसारिक माया से दूर रहेंगे और असंगत प्रलाप, असत्य वाणी द्वारा होने वाले पाप कर्म से दूर रहेंगे। भक्ष-अभक्ष, प्राणियों की हिंसा, व्यर्थ के कार्य एवं परधन में अशक्ति इन शारीरिक पाप कर्मों से दूर रहेंगे। इन सभी पापकर्म में निरत जीव कभी भी मोक्ष को नही प्राप्त कर सकता। यदि इन समस्त पाप कर्मो से बचना है तो भगवान की भक्ति करनी पड़ेगी और सत्संग में जाना पड़ेगा। भाजपा नेता पंकज सिंह और संजय ठाकुर के साथ पंकज गिरी, चंद्रमणि कुमार ने बाल व्यास को अंगवस्त्र से सम्मानित कर व्यासपीठ से आशीर्वाद प्राप्त किया।
बाल व्यास आराधना शास्त्री ने उमासंहिता, कैलाशसंहिता एवं वायवीयसंहिता के प्रसंगों व कथा के रहस्य को बताते हुए कथा व झांकी के माध्यम से द्वारकाधीश भगवान श्रीकृष्ण की पुत्र प्राप्ति हेतु कैलाश पर्वत पर की गई भगवान भोलेनाथ की पूजा व तपस्या का वर्णन करते हुए बताया कि भगवान श्रीकृष्ण जी को भी पुत्र प्राप्ति हेतु तप करना पड़ा जिससे माता पार्वती व भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होकर आशीर्वाद स्वरूप उनके साम्ब नामक पुत्र होने का वरदान दिया।
इस अवसर पर धर्मादा कमिटी के अध्यक्ष विमल कुमार सिंह, उपाध्यक्ष कौशल किशोर ठाकुर, सीताराम सिंह, कुन्दन कुमार, नारायण गिरी, रमेश ठाकुर, मुकेश कुमार सिंह, अनिल ठाकुर, मुनचुन ठाकुर, अखलेश गिरी, राजीव सिंह इत्यादि कार्यकर्ता सक्रिय थे।