घोड़ासहन में टीकाकरण केंद्रों पर मज़ाक का पर्याय बना सामाजिक दूरी और मास्क। प्रशासन,स्वास्थ्य कर्मी से लेकर लाभुक भी निफिकिर ,बिना किसी सुबिधा के घंटो लाइन में लग कर टिका लगवाने को मजबूर लोग।

घोड़ासहन में टीकाकरण केंद्रों पर मज़ाक का पर्याय बना सामाजिक दूरी और मास्क। प्रशासन,स्वास्थ्य कर्मी से लेकर लाभुक भी निफिकिर ,बिना किसी सुबिधा के घंटो लाइन में लग कर टिका लगवाने को मजबूर लोग।

Bihar East Champaran Ghorasahan

नवीन कुमार, मुख्य संपादक।

आज बिहार में मेगा वैक्सीन कार्यक्रम के तहत जिला से 3 हज़ार वैक्सीन की डोज घोड़ासहन प्रखंड को मिला था, जिसको लगाने के लिए प्रखंड 10 टीकाकरण केंद्रों की घोषणा हुयी थी। जिसमे कई केंद्रों का संचालन प्रशासन की कमी के वजह से संभव नही हो सका, सूत्रों के हवाले से मिले खबरों के अनुसार भेलवा,कवैया सहित कुछ अन्य केंद्रों पर टीकाकरण नही हो सका । जिसके वजह से घोड़ासहन के हाई स्कूल प्रांगण के केंद्र पर बहुत भीड़ जमा हो गयी,जहाँ देर शाम तक टीकाकरण हुआ लेकिन सात बजे के करीब बिजली जाने के बाद लाइन में लगे लोगो को सरकारी अस्पताल परिसर में कराया गया।

लेकिन किसी भी केंद्र पर किसी भी प्रकार का कोई सामाजिक दूरी का ख्याल नही रखा गया। इसमे सरकार की लाचारी कहे या प्रशासन की कमी? ये कहना बड़ी बात होगा।

अगर सरकार अगर तीसरी लहार से बचाव या कम छती की तैयारी कर रही है तो टीकाकरण केंद्रों पर होने वाली भीड़ को सुसज्जित तरीके से निपटने की प्रयास करनी होगी। सामाजिक दूरी की बख़ूबी ख्याल रखना होगा जो कि किसी भी केंद्र पर देखा नही जा रहा है, नाही को भी मास्क का प्रयोग करते देखा जा रहा है।

इस भीड़ को कम करने के लिए अलग अलग टीकाकरण केंद्रों का संचालन बहुत जरूरी है ताकि लोगो का जमावड़ा कम हो सके और सुरक्षित टीकाकरण संभव हो सके ।

 

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