29.22 किमी लंबी सड़क में 11.2 किमी ब्रिज का भी होगा निर्माण।
बेतिया के पटजिरवा, पखनाहा होते हुए पिपरा घाट और उतरप्रदेश के एन0एच0 730 के सेवराही में मिलेगी 727 एए फोर लेन सड़क।
जिलाधिकारी कार्यालय प्रकोष्ठ में माननीय जनप्रतिनिधियों की सम्पन्न हुयी बैठक में सड़क निर्माण हेतु अनुमोदित मार्गरेखन हुआ स्वीकृत।
रिपोर्ट वकीलुर रहमान खान
बेतिया। पश्चिम चम्पारण जिला में पटजिरवा, पखनाहा को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-727 पर बेतिया से पिपराघाट और उतरप्रदेश में एन0एच0 730 के साथ सेवराही को जोड़ने वाली राष्ट्रीय उच्च पथ 727 एए (फोर लेन सड़क) का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। उक्त सड़क की कुल लंबाई 29.22 किलोमीटर है तथा इसकी लागत 03 हजार करोड़ रूपये है। इस पथ में 11.2 किलोमीटर लंबा ब्रिज भी बनना है।
राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या-727 एए के विस्तृत परियोजना परामर्शी के अनुशंसित मार्गरेखन पर लोक सहमति प्राप्त करने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय प्रकोष्ठ में बैठक सम्पन्न हुयी। इस बैठक में माननीय विधायक, नौतन, श्री नारायण प्रसाद, माननीय विधायक, चनपटिया, श्री उमाकांत सिंह, माननीय विधान पार्षद, श्री भीष्म सहनी सहित उप विकास आयुक्त, श्री अनिल कुमार, वरीय उप समाहर्ता, श्री रवि प्रकाश, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के वरीय परियोजना अभियंता, श्री राजमोहन सिंह, परियोजना अभियंता, श्री नवनीत कुमार एवं साकेत राज आदि उपस्थित रहे।
बैठक में वरीय परियोजना अभियंता, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम द्वारा प्रस्तावित फोरलेन सड़क एन0एच0 727 एए के मार्गरेखन की विस्तृत जानकारी दी गयी। जिला प्रशासन एवं माननीय जनप्रतिनिधियों द्वारा विचार-विमर्श के उपरांत एन0एच0 727 एए के अनुशंसित मार्गरेखन पर सहमति प्रदान की गयी।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि उक्त सड़क का निर्माण हो जाने से पटजिरवा, पखनाहा आदि क्षेत्रों के लोगों के लिए आवागमन काफी सुगम हो जायेगा। बिहार एवं उतरप्रदेश को जोड़ने के लिए यह एक महत्वपूर्ण फोर लेन सड़क होगी। इससे संबंधित क्षेत्रों में विकास की गति तेजी के साथ आगे बढ़ेगी। उन्होंने परियोजना अभियंता से कहा कि सड़क निर्माण हेतु अग्रतर कार्रवाई प्रारंभ की जाय।
बैठक में माननीय विधायक द्वारा धनहा-रतवल सड़क पुल की मरम्मति कराने का अनुरोध किया गया। जिलाधिकारी द्वारा कार्यपालक अभियंता, पथ निर्माण विभाग को निदेश दिया गया कि उक्त सड़क पुल का स्थलीय निरीक्षण किया जाय तथा विभाग से वार्ता कर अविलंब क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मति कराना सुनिश्चित किया जाय।