ब्यूरो रिपोर्ट= वकीलुर रहमान खान, बेतियाः जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार द्वारा आज एनआइसी के सभागार में संभावित बाढ़ के मद्देनजर की जा रही तैयारियों की समीक्षा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम किया गया। जिलाधिकारी ने अधिकारियों से कहा कि पश्चिम चम्पारण जिले में बाढ़ की संभावना प्रत्येक वर्ष बनी रहती है। इसलिए यह आवश्यक है कि इससे निपटने हेतु सभी आवश्यक तैयारियां अपडेट रखी जाय। उन्होंने कहा कि यदि हमारी तैयारियां ससमय पूर्ण हो जायेगी तो बाढ़ आपदा का मुकाबला हम पूरी सक्षमता एवं प्रभावी ढंग से कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि तटबंधों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है तथा गत वर्षों के अनुभव के आधार पर संवेदनशील तटबंधों के सुदृढ़ीकरण, मरम्मति आदि की कार्रवाई शीघ्र कर ली जाय। साथ ही जल संसाधन विभाग के अधिकारी आवश्यकतानुसार चिन्हित स्थलों पर खाली बोरे, लोहे के जाल एवं बालू की व्यवस्था कर लेंगे ताकि आपात स्थिति में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने तटबंधों की सुरक्षा हेतु लगातार पेट्रोलिंग करने का निदेश भी संबंधित अधिकारियों को दिया है।
जिलाधिकारी ने कहा कि बाढ़ के दौरान आबादी निष्क्रमण, राहत एवं बचाव कार्यों के संचालन तथा आवागमन को सुगम बनाने के उदेश्य से देशी नावों की पर्याप्त संख्या में उपलब्धता सुनिश्चित की जाय। बाढ़ आने की स्थिति में चलायी जा रही नावों पर तख्ती लगाने का निदेश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया है जिसपर यह राज्य सरकार की ओर से निःशुल्क सेवा है, लिखा हो। सभी नावें निर्धारित स्थल/घाट से ही चलेंगी। घाटों पर सूचना पट्ट लगा रहना आवश्यक है, जिसमें नाविकों का नाम तथा संचालन अवधि अंकित रहेगी। नावों के संचालन में यह खास ध्यान रखा जाय कि ओवर लोडिंग नहीं होने पाये।
उन्होंने आपदा प्रभारी को निदेश दिया कि पाॅलीथिन शीट्स, सत्तू, गुड़, चूड़ा आदि अन्य राहत सामग्रियों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता हेतु अग्रतर कार्रवाई करें।
जिला पशुपालन पदाधिकारी को पशु चिकित्सा शिविर, पशु आश्रय स्थल के साथ-साथ पशु चारा, दवाएं आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निदेश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया है। वहीं सिविल सर्जन को जिला अस्पतालों, अनुमंडल एवं रेफरल अस्पतालों, प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रों/उपकेन्द्रों पर सर्पदंश की दवाएं, क्लोरिन टैबलेट, ओआरएस घोल के पैकेट, हैलोजन टैबलेट, एन्टीरेबीज की सूईयां, एन्टीबायोटिक दवाएं, ब्लीचिंग पाउडर आदि का पर्याप्त भंडारण कर लेने को कहा गया है।
समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी द्वारा वर्षा मापक यंत्र, सूचना व्यवस्था, बाढ़ शरण स्थल, सामुदायिक रसोई, राहत केन्द्र, मानव दवा की व्यवस्था, मोबाईल मेडिकल टीम, मेडिकल कैम्प, शुद्व पेयजल की व्यवस्था, जेनरेटर सेट, पेट्रोमेक्स, महाजाल की व्यवस्था, राज्य खाद्य निगम के गोदामों में खाद्यान्न की उपलब्धता, सड़कों की मरम्मति, लाईफ जैकेट, मोटरबोट आदि से संबंधित विस्तृत जानकारी ली गयी। इसके साथ ही जिला आपातकालीन संचालन केन्द्र-सह नियंत्रण कक्ष, समुदायों को प्रशिक्षण, राहत एवं बचाव दल का गठन एवं तैयारियों का अभ्यास कर लेने का निदेश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया है।