राजस्व विभाग से जुड़े जिले के सभी अधिकारी हुए शामिल।
मुख्य प्रशिक्षक के रूप में श्री राधामोहन प्रसाद, विशेष सचिव (सेवानिवृत) रहें उपस्थित।
राजस्व से संबंधित कई दर्जनें पुस्तके लिख चुके हैं श्री राधामोहन प्रसाद।
बेतिया से वकीलुर रहमान खान की ब्यूरो रिपोर्ट।
बेतिया। राजस्व कार्यों का ससमय निष्पादन, लोगों की समस्याओं का त्वरित गति से नियमानुकूल समाधान कराने के उदेश्य से आज समाहरणालय सभाकक्ष में एक दिवसीय जिलास्तरीय राजस्व कार्यशाला का आयोजन किया गया। राजस्व कार्यशाला में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में श्री राधामोहन प्रसाद, विशेष सचिव (सेवानिवृत), बिहार प्रशासनिक सेवा उपस्थित थे।
कार्यशाला का शुभारंभ माननीय मंत्री, गन्ना उद्योग विभाग, बिहार, श्री आलोक कुमार मेहता द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। जिलाधिकारी, पश्चिम चम्पारण, बेतिया, श्री दिनेश कुमार राय द्वारा माननीय मंत्री एवं मुख्य प्रशिक्षक का स्वागत पुष्प गुच्छ देकर किया गया। साथ ही शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर माननीय मंत्री, गन्ना उद्योग विभाग, बिहार ने कहा कि कार्यशाला का शुभारंभ कराने हेतु जिला प्रशासन को धन्यवाद। अच्छा महसूस हो रहा है, यह प्रासांगिक है। इस तरह के कार्यशाला से राजस्व कार्यों के निष्पादन में तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि सरकार जिम्मेवारी पूर्वक आम जनता को खुश रखना चाहती है। राजस्व से संबंधित मामले कम से कम हो, इस हेतु कार्रवाई करनी है।
उन्होंने कहा कि जनता राजस्व अधिकारियों, कर्मियों से काफी अपेक्षाएं रखती हैं। आपकी जिम्मेवारी के साथ-साथ आपका व्यवहार प्रबंधन बेहतर होना चाहिए। आम जनता के साथ फ्रेंडली व्यवहार करें। समस्याओं को लेकर आने वाले आमजनों को राजस्व नियमों से अवगत कराएं और नियमानुसार समाधान कराएं।
माननीय मंत्री ने कहा कि मुख्य प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित राधामोहन जी ने राजस्व से संबंधित कई दर्जनें पुस्तकें लिखी हैं। ये राजस्व मामलों के विशेषज्ञ हैं। इनसे सीखें।
उन्होंने कहा कि अभियान बसेरा 2 सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। सरकार का प्रयास है कि राज्य में वासरहित भूमिहीन नहीं रहें। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा तीव्र गति से कार्य किया जा रहा है। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए इस जिले के राजस्व अधिकारी एवं कर्मी तत्पर रहें।
जिलाधिकारी, श्री दिनेश कुमार राय द्वारा राजस्व कार्यशाला के महत्व एवं आवश्यकता के संबंध में जानकारी दी गयी। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग सरकार के महत्वपूर्ण विभागों में से एक है। यह सरकार की रीढ़ है। म्यूटेशन, परिमार्जन, वासगीत पर्चा वितरण आदि कार्यों का निष्पादन इस विभाग द्वारा किया जाता है। आज पर्याप्त संख्या में राजस्व से संबंधित अधिकारी एवं कर्मी हैं। संसाधनों की उपलब्धता है। त्वरित गति से राजस्व कार्यों के निष्पादन के लिए अधिकारियों को लैपटॉप भी उपलब्ध कराया गया है। हम सभी का दायित्व है कि आमजनों को लाभान्वित करें।
उन्होंने कहा कि राजस्व मामलों के त्वरित निष्पादन हेतु जिला प्रशासन द्वारा जिलास्तर, अंचलस्तर पर नियमित रूप से समीक्षा की जा रही है। राजस्व संबंधी मामलों के निष्पादन में तेजी लाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि जिले में उपस्थित माननीय मंत्री, गन्ना उद्योग विभाग, बिहार ने विशेष आग्रह पर इस राजस्व कार्यशाला का शुभारंभ किये हैं। इसके लिए माननीय मंत्री महोदय को धन्यवाद है।
उन्होंने कहा कि राधामोहन बाबू अनुभवी सेवानिवृत पदाधिकारी है। राजस्व से संबंधित कई पुस्तकें इनके द्वारा लिखी गयी है। इन्हें ध्यान से सुने और लाभ लें। कार्यक्षेत्र में आने वाली परेशानियों से अवगत कराएं, इसका समुचित निदान सभी को बताया जायेगा।
मुख्य प्रशिक्षक श्री राधामोहन प्रसाद, विशेष सचिव (सेवानिवृत) द्वारा बिहार भूमि सुधार अधिनियम, 1950 के अनुसार जमीन्दारी का निहितीकरण एवं स्थानीय तंत्र के भू-राजस्व प्रशासन का सृजन, भूमि अभिलेखों के सृजन, अनुरक्षण में राजस्व कर्मचारी, अंचल अधिकारी का दायित्व एवं भूमिका, खास महल मैनुअल, 1953 का प्रावधान, विभिन्न पंजियों का अनुरक्षण, दायित्वों-कर्तव्यों का निहितीकरण, जमाबंदी पंजी का संधारण, नवीकरण, जमाबंदी पंजी का रि-राईट करना, जमाबंदी पंजी में अंकन का प्रावधान, जमाबंदी पंजी का पुर्नगठन, कम्प्युटराईज्ड जमाबंदी एवं और उसमें हुए गलत अंकन का परिमार्जन आदि को लेकर विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की गयी।
इसके साथ ही गैरमजरूआ भूमि की बंदोबस्ती, पर्चा का रद्दीकरण, राजस्व कर्मचारी एवं अन्य की भूमिका, सिलिंग की भूमि की बंदोबस्ती, पर्चा रद्दीकरण, भूमि बंदोबस्ती किये जाने हेतु सक्षम प्राधिकारी, लोकभूमि, सामुदायिक उपयोग की भूमि से अतिक्रमण हटाना, जल निकाय की भूमि, श्मशान की भूमि, सार्वजनिक भूमि से अतिक्रमण हटाया जाना, लगान निर्धारण की कार्रवाई-बीटी एक्ट के अंतर्गत, काबिल लगान योग्य भूमि, बकास्त भिम, वाद अभिलेख का संधारण, भूमि अधिग्रहण, सतत लीज से प्राप्त भूमि का दाखिल-खारिज, दाखिल-खारिज कैसे करें आदि के संदर्भ में विस्तृत जानकारी दी गयी।
कार्यशाला को अपर समाहर्ता, श्री राजीव कुमार द्वारा संबोधित किया गया। अपर समाहर्ता द्वारा राजस्व से संबंधित महत्वपूर्ण बिन्दुओं की जानकारी प्रदान की गयी।
इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, श्री अनिल कुमार, अपर समाहर्ता, श्री राजीव कुमार, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, श्री अमरेन्द्र कुमार, प्रभारी पदाधिकारी, राजस्व शाखा, श्रीमती बेबी कुमारी, एसडीएम, बगहा, डॉ0 अनुपमा सिंह सहित सभी डीसीएलआर, सीओ, आरओ, अमीन आदि उपस्थित थे।