रामरेखा नदी पर शुलिश गेट का निर्माण कार्य प्रारंभ

रामरेखा नदी पर शुलिश गेट का निर्माण कार्य प्रारंभ

Bettiah Bihar West Champaran लौरिया

लगभग 9 करोड़ 78लाख रुपए की लागत से होगा तैयार!

एक दर्जन गांवों के किसानों की सैकड़ों एकड़ खेतो की होगी सिंचाई!

बेतिया से वकीलुर रहमान खान की‌ ब्यूरो रिपोर्ट!

लौरिया ( पच्छिम चम्पारण) प्रखंड के लाकड सिस़ई पंचायत के वार्ड संख्या 1 के सहुआटांड गांव में रामरेखा नदी पर करीब दस करोड़ रुपया की लागत से सुलीस गेट का निर्माण कार्य हो रहा है ।इसी के साथ इस क्षेत्र के किसानों की चीर प्रतिक्षीत मांग पुरी हो गयी है ।इस सुलीस गेट के निर्माण से एक लाकड़ सिसई पंचायत, धोबनी पंचायत के दर्जनों से अधिक गांवों के किसानों की सैकड़ों एकड भूमि की सिंचाई होगी ।
सिस़ई पंचायत के वर्तमान मुखिया प्रतिनिधि जहीर अंसारी तथा धोबनी पंचायत के समिति सदस्य धनंजय मल उर्फ गुड्डू मल आदि ने बताया कि वर्ष 2012-13 में इस सुलीस गेट का निर्माण तत्कालीन इस्पात सचीव राघव शरण पाण्डेय के पहल पर करीब 52 लाख रुपए की लागत से हुआ था लेकिन एक वर्ष सिंचाई होने के बाद रख रखाव के अभाव में यह सुलीस गेट बाढ में ध्वस्त हो गया ।

उसी समय से इस सुलीस गेट के निर्माण के लिए इस क्षेत्र के किसान नेताओ के पास दौडते रहे ।नरकटियागंज के पूर्व विधायक विनय वर्मा और वर्तमान विधायक रश्मी वर्मा के पहल पर इस गेट का पुनः निर्माण शुरु हो सका है। बगही पंचायत के मुखीया पति इन्तखाब अहमद उर्फ गोलु व समाजीक कार्यकर्ता साबीर शेख उर्फ मुन्ना भाई ने बताया कि लघु सिंचाई विभाग के द्वारा इस सुलुस गेट का निर्माण कराया जा रहा है।

इन दोनो ने बताया कि 2012के पहले क्षेत्र के किसान स्वयं मेहनत कर इस नदी में बांध बांधकर नदी का धारा अपने खेतो के तरफ मोड देते थे।

और अपना नीजि जमीन देकर खेतो में नाला का निर्माण कराये थे और उसी नाले से खेतो की सिंचाई होती थी।

इस गांव की वार्ड सदस्य गीता देवी व उनके पति बिगन साह उर्फ भगत जी ने बताया कि इस सुलुस गेट के निर्माण से सहुआटांड कंचनपुर ऩई बस्ती बेलवा रमौली नन्हकार लाकड सिस़ई धोबनी सुगौली आदि गांव के सैकडो किसान लाभान्वित होंगे। इस गेट का निर्माण 12दिसम्बर से शुरु हो गया है और करीब दो वर्षों में बनकर तैयार हो जायेगा। इन दोनों ने बताया कि इस गेट के निर्माण से किसानों में काफी हर्ष है।

यह गेट न तो सिर्फ सिंचाई का काम करेगा यह नदी के उस पार जाने के लिये पूल का भी काम करेगा ।गर्मी के दिनो में नदी पार के खेती के लिए किसान नदी पार कर चले जाते हैं लेकिन बरसात के दिनो में उन्हे अपने खेतो तक जाने के लिये करीब पांच कि मी अधिक रास्ता तय करना पडता था अब यह अधिक रास्ते की यात्रा भी बंद हो जायेगी । बतादे कि सुलुस गेट में नदी के पानी को रोक कर धारा को बनाये हुये नाले की तरफ मोड दिया जाता है जिससे सिंचाई की जाती है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *