चंपारण के खटौरी में टूट पड़ा आसमानी कहर: नींद में थे मासूम, मलबे में दबी मासूमियत
पुरे गांव में पसरा मातम, जख्मी मासूमों की हालत नाजुक, निजी अस्पताल में चल रहा इलाज
रामनगर से रमेश ठाकुर के सहयोग से बेतिया से वकीलुर रहमान खान की ब्यूरो रिपोर्ट।
रामनगर/बेतिया(पच्छिम चम्पारण)
बगहा के रामनगर प्रखंड अंतर्गत ख़टौरी गांव में मंगलवार की देर शाम प्रकृति का तांडव देखने को मिला, जब एक तेज और भयावह आंधी ने कई घरों को झकझोर कर रख दिया। इस तबाही में सबसे बड़ा हादसा रामेश्वर राम के परिवार के साथ हुआ, जिनका कच्चा मकान आंधी की चपेट में आकर भरभराकर गिर पड़ा।
हादसे के समय पूरा परिवार घर के अंदर मौजूद था, और सो रही मासूम जानें इस हादसे का शिकार बन गईं। उपेंद्र राम की मात्र 5 वर्षीय पुत्री प्रियंका कुमारी और उनकी कुछ ही दिनों की नवजात बच्ची मलबे के नीचे दब गईं। पूरे गांव में चीख-पुकार मच गई। ग्रामीणों ने आनन-फानन में मलबा हटाकर मासूमों को बाहर निकाला और तत्काल स्थानीय निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां दोनों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
घटना की जानकारी मिलते ही पंचायत की मुखिया स्मिता चौरसिया मौके पर पहुंचीं। उन्होंने मुआयना कर बताया कि पीड़ित परिवार को हरसंभव सहायता दिलाई जाएगी। उन्होंने जिला प्रशासन से शीघ्र राहत व मुआवजा देने की मांग की है। मुखिया ने कहा, “यह हादसा बेहद दर्दनाक है। एक गरीब परिवार का सब कुछ उजड़ गया है। शासन से मांग है कि पीड़ित परिवार को तुरंत आवास, चिकित्सा और आर्थिक सहायता दी जाए।”
गांव में इस घटना के बाद मातम पसरा हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर थोड़ी देर हो जाती तो मासूमों की जान भी जा सकती थी। प्रशासन से अब उम्मीद की जा रही है कि वह तत्परता से राहत पहुंचाएगा और इस तरह के हादसों से भविष्य में बचाव के लिए ठोस इंतज़ाम करेगा।