इंडो-नेपाल मार्ग पर जिंदगी दांव पर, जर्जर पुलिया ने बढ़ाई ग्रामीणों की चिंता।
रामनगर से रमेश ठाकुर के सहयोग से बेतिया से वकीलुर रहमान खान की ब्यूरो रिपोर्ट।
बेतिया/मैंनाटांड(पच्छिम चम्पारण)
मैनाटांड़ प्रखंड के शेखवा बसंतपुर गांव में गंडक नहर पर स्थित पुलिया अब लोगों के लिए खतरे का सबब बन गई है। इंडो-नेपाल बॉर्डर को जोड़ने वाले सिकटा-इनरवा हाईवे का हिस्सा होने के बावजूद इस पुलिया की हालत बद से बदतर हो गई है। पुलिया की एक ओर सुरक्षा बाउंड्री दीवार पूरी तरह से टूट चुकी है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि रात के अंधेरे में दृश्यता कम होने के कारण कई वाहन इस पुलिया पर दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं। बावजूद इसके, प्रशासन की नींद अब तक नहीं टूटी है। ग्रामीण भय और असुरक्षा के बीच सफर करने को मजबूर हैं। खासकर स्कूली बच्चे और वृद्धजन इस मार्ग पर सबसे अधिक जोखिम उठाकर यात्रा कर रहे हैं, जिससे ग्रामीणों की चिंता और बढ़ गई है।
ग्रामीण नेता व भाकपा के खालीकुजम्मा ने कहा, “यह पुलिया हमारे गांव ही नहीं, बल्कि सीमावर्ती हजारों लोगों के लिए जीवन रेखा है। प्रतिदिन सैकड़ों छोटे-बड़े वाहन इसी पुलिया से गुजरते हैं। सुरक्षा दीवार का ध्वस्त होना एक बड़े हादसे को निमंत्रण दे रहा है।”
वहीं, स्थानीय निवासी जमालुदीन साह, शाहनवाज साह, शेख नुरैन, पूर्व सरपंच नुरैन तथा औबेदुल्ला शाह ने भी प्रशासन पर उदासीनता का आरोप लगाते हुए शीघ्र मरम्मत कार्य शुरू करने की मांग की है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन शीघ्र कदम नहीं उठाता तो वे मजबूरन सड़क जाम व आंदोलन जैसे कदम उठाएंगे। उन्होंने चेताया कि किसी भी संभावित दुर्घटना की पूरी जिम्मेदारी प्रशासन पर होगी।