इस संकट की घड़ी में दिल्ली सरकार की तरह राहत सेवा दे बिहार सरकार: बबलू प्रकाश

इस संकट की घड़ी में दिल्ली सरकार की तरह राहत सेवा दे बिहार सरकार: बबलू प्रकाश

Bihar Patna

पटना: बिहार में पीडीएस सिस्टम फेल है ऐसी स्थिति में बिहार के करोड़ो गरीब जनता को आनाज व पैसा कैसे मिलेगा।
अखवारी घोषणाओं को जल्द अमल में लाए बिहार सरकार जनता को अतिशीघ्र अनाज मुहैया कराए।

लॉकडाउन के दौरान लोगों को परेशानी से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा गारंटी कानून के तहत सात किलो प्रति व्यक्ति खाद्यान्न देने का फैसला लिया है। वहीं, बिहार सरकार ने सूबे के 1 करोड़ 65 लाख राशन कार्डधारी को एक-एक माह का राशन मुफ्त में दिया जाने के साथ ही सभी राशन कार्डधारी परिवारों को एक-एक हजार रुपये अलग से डीबीटी के माध्यम से सीधे लाभर्थियों के बैंक खाते में भेजने की घोषणा सरकार ने 23 मार्च को की थी। कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर उत्पन्न स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल सरहानीय है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ अलग बयां कर रही है।

वही आम आदमी पार्टी बिहार के प्रदेश प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी बबलू कुमार प्रकाश ने कहा कि- पीएम से लेकर सीएम तक की राहत घोषणा हवा-हवाई है। अखवारी घोषणाओं को जल्द अमल में लाए बिहार सरकार, जनता को अनाज मुहैया कराए।

बबलू ने बिहार सरकार के कार्य शैली पर सवाल उठते हुए कहा कि- खाद्य आपूर्ति विभाग का वेवसाइट चेक करने के बाद ऐसा ज्ञात हुआ है कि मुख्यमंत्री के घोषणा के तीन दिन बाद भी खाद्य आपूर्ति विभाग ने राशन वितरण को लेकर कोई एक्शन नही लिया है। विभाग ने सरकारी  राशन दुकानदारों को लेकर कोई दिशा निर्देश जारी नही किया गया है। बबलू ने कहा कि पटना शहर से लेकर बिहटा, मनेर के ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर सरकारी राशन दुकान बंद  है। दुकानदारों ने कार्ड धारियों को मार्च माह का राशन अभी तक नही दिया है। राशन डीलर ने बताया कि उनके अंदर भी कोरोना वायरस को लेकर डर बना हुआ है। उनके पास कोरोना वायरस संक्रमित लोगो से बचने के लिए कोई भी संसाधन उपलब्ध नहीं है।

बिहार में पीडीएस सिस्टम फेल है ऐसी स्थिति में बिहार के करोड़ो गरीब जनता को आनाज कैसे मिलेगा ?

बबलू ने मौजूदा हालात पर चिंता जताते हुए कहा कि -दो दिनों के लॉकडाउन में स्लम बस्ती में रहने वाले गरीब परिवारों का हाल बेहाल हो गया है। राशन एवं जरूरी सामानों की कालाबजारी बड़े पैमाने पर शुरू हो गई है। इस विषम परिस्थिति में दिहाड़ी मजदूर, रिक्शा, ठेला चलाकर अपने बच्चों का पेट भरने वाला आम आदमी अपने को असहाय महसूस करने लगा हैं। खुद के बचाये हुए पैसों से जैसे तैसे सप्ताह भर का भोजन की व्यवस्था तो कर लेगा, लेकिन अगला 15 दिन लॉकडाउन के दरम्यान उनको अपने एवं बच्चों के लिए भोजन की व्यवस्था करना कठिन हो जाएगा। क्योंकि बढ़ती महंगाई, राशन की कालाबाजारी उन्हें भुखमरी की ओर ले जा सकती है।

श्री प्रकाश ने बताया कि दिल्ली सरकार ने जनता को कोरोना से उत्पन्न समस्या से राहत देने के लिए कई ठोस कदम उठाये हैं। जिसमे निर्माण कार्य से जुड़े मजदूरों को एकमुश्त 5-5 हजार रुपये की सहायता राशि दी जा रही है। रैन बसेरों की संख्या बढ़ाई गई है, जहाँ गरीबों को खाना भी खिलाया जा रहा है। किरायदारो का एक महीने का किराया फ्री किया गया है बबलू ने बिहार सरकार से मांग करते हुए कहा कि- इस संकट के घड़ी में बिहार के शहरी गरीब, किसान-मजदूर, बेबस जनता को दिल्ली सरकार की तर्ज पर यहाँ के लोगो में भी राहत देनी चाहिए। साथ ही ट्रांसपोर्ट सिस्टम को सुगम और आसान बनानी चाहिए ताकि रोजमर्रा की जरूरत जैसे अनाज, सब्जी, दूध, दबा की आपूर्ति सुलभ तरीके से हो सके।

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