लोकगीत झिझिया के बारे में बच्चों को किया गया जागरूक।
घोड़ासहन: झिझिया गीत नृत्य के अपने अलग तरह के गीत और लय होते हैं, झिझिया गीत गाते हुए एक निश्चित स्थान पर गोल-गोल घूमकर नृत्य किया जाता हैं गीतों के साथ ढोल, मंजीरा आदि लोक वाद्यों का संगीत होता है।
नृत्य करते समय गीत गाए जाते हैं। सबके दुअरिया झिझिया जगमग करे…इत्यादि गीतों से गांव मोहल्ले में संगीतमय माहौल हो जाता हैं। उक्त बातें राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय जमुनिया खास में शिक्षिका डॉ अनिता देवी द्वारा बताया गया साथ ही बच्चियों को झिझिया का गीत गाकर अभ्यास कराया। आगे श्रीमती देवी ने बताई
झिझिया एक प्रमुख लोक नृत्य है दुर्गा पूजा के मौके पर इस नृत्य में लड़कियां बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती हैं, इस नृत्य में कुंवारी लड़कियां और महिलाएं अपने सिर पर छिद्र वाला घड़ा में जलते दीये रखकर नाचती हैं। इस नृत्य का आयोजन शारदीय नवरात्र में किया जाता है।
बिहार के लोकगीत झिझिया की परंपरागत संस्कृति के बारे में भी उन्हों ने बच्चों को विस्तार से बताया। और गीत गाकर अभ्यास करते बच्चियां बहुत ही ख़ुश नजर आई।