भाजपा एमएलए को बेटी लाने के लिए मिले आदेश पर बिरोध, सीतामढ़ी के कोटा में फंसे बच्चों को लाने का परमिशन क्यों नही।

भाजपा एमएलए को बेटी लाने के लिए मिले आदेश पर बिरोध, सीतामढ़ी के कोटा में फंसे बच्चों को लाने का परमिशन क्यों नही।

Bihar Politics Sitamdhi

सीतामढ़: नवादा के हिसुआ के भाजपा विधायक अनिल सिंह कोटा से बेटी को वापस लाने के कांड के बाद राजनीति गर्म हो गई है सीतामढ़ी में युवा राजद के जिला अध्यक्ष रौशन यादव ने सीतामढ़ी डीएम कार्यालय को आवेदन देकर सीतामढ़ी से वाहन कोटा जाने का परमिशन मांगा है,

ताकि कोटा में फंसे सीतामढ़ी के छात्र एवं छात्राओं को अपने खर्च पर वापस ला सके साथ ही नवादा एसडीओ द्वारा दिए गए आदेश पत्र की कॉपी संलग्न करते हुए यह मांग की है कि जब विधायक का बेटा या बेटी कोटा से घर वापस आ सकता है और विधायक जी को जब यह परमिशन मिल सकता है तो आम जनता के बेटा और बेटी को कोटा से लाने के लिए आदेश क्यों नहीं मिल सकता।

इसी को लेकर एक आवेदन पत्र सीतामढ़ी डीएम कार्यालय को दिया गया है जिसमे ये साथ ही यह मांग की गई है कि विधायक को जिस प्रकार कोटा से अपनी बेटी को लाने के लिए आदेश मिला उसी प्रकार सीतामढ़ी के भी जितने छात्र एवं छात्राएं कोटा में फंसे हैं उनको लाने का आदेश दिया जाए जिसके बाद युवा जिला अध्यक्ष रौशन यादव ने आवेदन में लिखा कि वह अपने खर्च पर आदेश मिलने के बाद उन सभी कोटा में फंसे छात्रों को सीतामढ़ी लाएंगे साथ ही कहा कि अगर या आदेश नहीं मिलता है तो,

यह माना जाएगा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आम और खास लोगों में फर्क करते हैं और विशेष लोगों के लिए विशेष कानून और सुविधा है वही आम आदमी के लिए कोई कानून सुविधा नहीं है।

तभी तो एक विधायक की बेटी के लिए sdo द्वारा परमिशन दिया जाता है और विधायक जी अपनी बेटी को घर ले आते हैं लेकिन आम आदमी कि बेटा और बेटी आज भी कोटा में फंसे हैं लेकिन उनके आने के लिए सरकार कोई पहल नहीं कर रही है।

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