घोड़ासहन (पूर्वी चंपारण):- प्रारंभिक शिक्षक न्याय मोर्चा पूर्वी चंपारण जिलाध्यक्ष सह अध्यक्ष मण्ड़ल सदस्य शिक्षक समन्वय समिति पूर्वी चंपारण राहुल सिंह ने कहा कि प्रदेश समन्वय समिति संयोजक डॉ ब्रजनंदन शर्मा को सरकार के द्वारा जब वार्ता के लिए बुलाया गया तो इसकी सूचना कोर कमिटी के सदस्यों को नही देना हड़ताली शिक्षकों के पीठ में छुरा घोंपने के समान है।
प्रदेश संयोजक और प्रदेश मीडिया प्रभारी ने अपने निजी हित के लिए शिक्षकों के सम्मान को गिरवी रख हड़ताल से वापस आने का सरकार से समझौता कर लिया। इन तीनों ने हड़ताली शिक्षकों को धोखा दिया है ।
जिलाध्यक्ष सिंह ने शिक्षक हड़ताल के अंत पर रोष जताया और कहा कि हड़ताल वापसी पर लिए गए निर्णय को जल्दबाजी में उठाया गया एकतरफा कदम है। हड़ताल से वापस आने के बाद आज हर शिक्षक के मन में हड़ताल अवधि में खो चुके शिक्षक साथियो के प्रति संवेदना,दुख,और अपराध का भाव है । उनका बलिदान और शहादत हम सभी शिक्षक समाज के लिए था ।
उन्होंने नियोजित शिक्षकों को एक बार फिर संबोधित करते हुए कहा कि साथियों हड़ताल ही टूटा है,हौसला नही । ये तो टेलर मात्र था फ़िल्म तो अभी पूरा बाकी है।अभी सरकार के पास कोरोना का बहाना है, कोरोना आपदा के गुजरते ही अपनी सभी माँगो की पूर्ति के लिए सरकार की घेराबंदी होगी । हिम्मत नही हारना है।
हमलोग मंजिल के करीब पहुँच चुके है।
जिलाध्यक्ष श्री सिंह ने सरकार से कहा कि शिक्षकों की हड़ताल अवधि से लेकर अभी तक का बकाया वेतन जल्द से जल्द भेजी जाए, नही तो उग्र आंदोलन होगा,कोरोना जैसे आपदा में शिक्षक भुखमरी के शिकार के कारण 70 से ज्यादा साथी काल के गाल में समा गये।