क्वारंटाइन सेंटर पर 16 घंटा काम करने वाली रसोईया की हुई मौत, हैदराबाद फसे एकलौता बेटा नही दे पाया मुखाग्नि।

क्वारंटाइन सेंटर पर 16 घंटा काम करने वाली रसोईया की हुई मौत, हैदराबाद फसे एकलौता बेटा नही दे पाया मुखाग्नि।

Bihar East Champaran
क्वारंटाइन सेंटर पर 16 घंटा काम करने वाली रसोईया की हुई मौत, हैदराबाद फसे एकलौता बेटा नही दे पाया मुखाग्नि।

पूर्वी चंपारण/ पकड़ीदयाल सुंदर पट्टी क्वारंटाइन सेंटर पर कार्यरत रसोइया सकली देवी की सुबह 11 बजे के करीब में अचानक तबियत बिगड़ी ,घर पहुंचते ही मौत के आगोश में चली गई।
वही बिहार के रसोइया संघ परिवार इस दुःखद घटना से काफी मर्माहत है।

आगे रसोइया संघ के जिला सचिव दिनेश प्रसाद कुशवाहा ने बतया कि क्वारंटाइन सेंटर पर अन्य कर्मियों की 08 08 घंटा की ड्यूटी लगाई गई है जबकि उसी सेंटर पर रसोइया सुबह 06 बजे से रात्री 10 बजे तक काम कराइ जा रही है, अत्यधिक कार्याभार की मार से रसोइया की मौत हो रही है।

सकली देवी के पति 15 साल पहले ही दुनिया छोड़ गये है जबकि 17 साल का एकलौता बेटा रोजी रोटी के तलाश में हैदराबाद गये हुए हैं। लॉकडाउन के मार से वो अपनी मृत मां को अग्नी भी नसीब नही हुआ।

वही पकड़ीदयाल थानाध्यक्ष आनन फानन मे दवाब बनाकर सकली देवी की डेडबॉडी को दफना देने की कोशिस की लेकिन वहां मौजूद रसोइया और शिक्षको के विरोध पर डेडबॉडी पोस्टमार्टम के लिए मोतिहारी सदर अस्पताल भेज दिया गया।

अंत में श्री कुशवाहा ने बतया पोस्टमार्टम के बाद अभी डेडबडी गांव पहुंची और हमारी संघ केन्द्र व राज्य सरकार से 50 लाख रुपये और मृतक परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी मुहैया कराइ जाये

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