मुख्य मार्ग पर बारकेडिग लगाकर प्रशासन ने सड़क पर जाने से लगाया पाबंदी।
बाढ में अब तक चार लोगों की जा चुकी जान।
करोड़ों की लागत से रामनगर सड़क पर पुल बन कर तैयार।
फिर भी बाढ़ का पानी सड़क पर बहने से आवागमन ठप।
ब्यूरो रिपोर्ट, बेतिया: लौरिया प्रखंड क्षेत्र में रविवार रात से हुई तेज बारिश से सिकरहना नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने से प्रखंड मुख्यालय लौरिया सहित आसपास के अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घरों में घुस गया है। मुख्यालय के अनेक घरों में घुसा बाढ का पानी लोग सड़क पर रह रहे हैं ।जिससे ग्रामीणों में भय व दहशत का मौहाल है। मुखिया मंटू मिश्रा उर्फ मनीष मिश्रा ने बताया कि इसी तरह प्रत्येक वर्ष लौरिया सहित प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांव बाढ़ के चपेट में रहता है। वही लौरिया नरकटियागंज मुख्य मार्ग तथा लौरिया रामनगर मुख्य मार्ग पर डेढ़ से दो फीट ऊपर पानी सड़क पर चल रहा है।नंदनगढ़ जाने वाले मार्ग पर भी पानी ।अशोक स्तंभ परिसर जलमग्न ।साहु जैन विधालय में तीन से चार फीट पानी ।लोग परेशान
जिससे दर्जनों गांवो का सम्पर्क प्रखंड मुख्यालय से भंग हो गया है। जिनमें देवराज इलाका मटियरिया गोबरौरा तथा गोनौली पंचायत का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से टुटा है ।साथ ही मुखिया सहित सामाजीक कार्यकर्त्ता ललन विशाल आनंद आदि ने बताया कि लौरिया रामनगर मुख्य मार्ग पर पुल का निर्माण बाढ़ के भीषण बिभीस्का से बचने के लिए बना पर उससे कोई फर्क नही हुआ है। पुल तैयार हो चुका है लेकीन फिर भी बहाव सड़क के रास्ते ही है लोगो का कहना है की पुल र्निमाण भी हो गया परंतु परेशानी ज्यों की त्यों है बाढ़ का पानी बहने पर मजबूर हो गया, जिससे लौरिया का अशोक स्तंभ सहित सैकड़ों एकड़ धान व गन्ना का फसल डूब चुका है। साथ ही मुखिया ने फसल नुकसान पर प्रशासन व सरकार से मुआवजे के भी मांग की है। वही सीओ संजय कुमार सिन्हा ने बताया कि गंडक बैराज से छोड़ा गया पानी इधर आकर मार करता है, वही जगह जगह लोगो द्वारा पानी निकासी वाले जगह को अतिक्रमण करने से ऐसा हुआ है। मंगलवार की देर शाम व बुधवार तक पानी निकल जायेगा। जिससे दो दिन के भीतर रास्ता भी सुचारू रूप से चालू हो जायेगा।