दुनिया को संकट एव प्रलय से बचाने वाले भगवान शिव खुद बाढ़ के चपेट में।

दुनिया को संकट एव प्रलय से बचाने वाले भगवान शिव खुद बाढ़ के चपेट में।

Bihar Desh-Videsh West Champaran

ब्यूरो रिपोर्ट, पश्चिम चंपारण बेतिया से बड़ी खबर है जहाँ नेपाल के तराई क्षेत्र व प॰चंपारण जिला मे पिछले 36 घंटे से हो रही लगातार वारीश से गंडक नदी का जलस्तर बढ़ा | 4 लाख 20 हजार क्यूसेक से अधिक पानी गंडक नदी मे छोड़ा गया , पानी छोड़े जाने से गंडक व इसके सहायक सभी नदियो का जलस्तर बढ़ा | जिला प्रशासन द्वारा माईकिंग कर उचे जगहो पर जाने की अपील किया गया ग्रामीणो से | वही नदियों का बढ़ रहे जलस्तर से ग्रामीण भयभीत।
वहीं वाल्मीकिनगर में गंडक के किनारे भगवान शिव की मूर्ति भी डूबने के कगार पे है कहा जा रहा है कि 2017 में भी ऐसी बाढ़ नही आई थी जो इस साल अब तक का सबसे भयंकर बारिस हुई है ।
एक समय था जब माँ गंगा को पृथ्वी लोक पर लाने के लिए भागीरथ मुनि ने घोर तपस्या की और गंगा को पृथ्वी पर लाने के लिए उनका तपस्या पूरा हुआ अब सवाल यह था कि अगर गंगा स्वर्ग लोक से सीधा पृथ्वी लोक में उतरती है तो पृथ्वी पर प्रलय आ जाएगा इसके लिए कैलाश पर्वत पर तपस्या में लीन भगवान शंकर को भागीरथ मुनि ने मनाया की गंगा को पृथ्वी पर आने से पहले उनके धारा के वेग को कम करना होगा तब जाकर भगवान शंकर तैयार हुए और मां गंगा जब स्वर्ग लोक से चली कैलाश पर्वत पर तपस्या में लीन भगवान शंकर ने उन्हें अपनी जटा में उनको समेट कर बांध दिया तथा उनकी धारा को कम कर पृथ्वी लोक पर आने दिया। उसी प्रकार आज सावन में भोलेशंकर को माँ गंगा के इस रूद्र रूप को पृथ्वी पर रोकना होगा अन्यथा विनाश की उस लीला को नही भुलाया जा सकता।
पश्चमी चम्पारण जिले में लगातार हो रही बारिश से गण्डक सहित पहाड़ी नदियां उफान पर हैं। पिछले 36 घण्टे से लगातार रुक रुक कर बारिश होने से नरकटियागंज के पण्डई नदी ,हड़बोड़ा नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा हैं।वही रामनगर के मशान पहाड़ी नदी उग्र रूप अपना चुकी है और अपने दोनों तरफ तबाही मचा रही है। मशान नदी के तांडव से जहाँ रामनगर इलाके के शेरहवा, इनार बरवा, तमकुही, जोगिया और महुई समेत कई गांवों में कटाव शुरू हो गया है। ग्रामीणों का कहना हैं कि मशान नदी अपने उफान पर है और लगातार खेत समेत मुख्य सड़क का कटाव कर रही है। जिससे कई गांवों का सम्पर्क भंग हो गया है। मुखिया का कहना है कि उन्होंने सीओ-बीडीओ को कटाव के बाबत जानकारी दी थी जिसके बाद अधिकारियों ने निरीक्षण बांस से पाइलिंग और सुरक्षात्मक कार्य कराने का निर्देश दिया था लेकिन कराया गया कार्य नाकाफी साबित हुआ।
वही नरकटियागंज में हड़बोड़ा नदी के बढ़ते जलस्तर को देख नदी के आसपास के गाँव के लोगो में भय ब्याप्त हैं।बतादे कि 2017 में हड़बोड़ा नदी के बड़े स्तर के कारण आई प्रलयंकारी बाढ़ से काफी क्षति पहुँची बाढ़ ने कई प्रखण्डों के गांवों को अपने चपेट में ले लिया था। जिसके कारण हड़बोड़ा नदी के बढ़ते जलस्तर से ग्रामीण भयभीत हैं।
वही नेपाल द्वारा बाल्मीकि नगर के गंडक नदी में 4 लाख 20हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़े जाने की सूचना के बाद जिला प्रशासन पूरे अलर्ट मूड में हैं ।और निचले इलाके में रहने वाले सभी लोगों को ऊँचाई पे जाने के लिए सूचना दी जा रही हैं साथ ही सावधानी बरतने की हिदायत भी दी जा रही हैं।

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