बलोर नदी पर क्षतिग्रस्त हाईलेवल ब्रिज की जांच करने पहुंची उच्चस्तरीय अभियंताओं की टीम।

बलोर नदी पर क्षतिग्रस्त हाईलेवल ब्रिज की जांच करने पहुंची उच्चस्तरीय अभियंताओं की टीम।

Bihar West Champaran
बलोर नदी पर क्षतिग्रस्त हाईलेवल ब्रिज की जांच करने पहुंची उच्चस्तरीय अभियंताओं की टीम।

जांच करने के उपरांत विभाग को सुपुर्द करेगी रिपोर्ट।

दोषियों के विरूद्ध होगी कड़ी कार्रवाई।

जिलाधिकारी के साथ उच्चस्तरीय टीम की बैठक सम्पन्न।

बेतिया न्यूज़ ब्यूरो वकीलुर  रहमान खान,       नरकटियागंज प्रखंड अंतर्गत चमुआ-मेडरौल जाने वाली सड़क में तीसरे किलोमीटर पर बलोर नदी में बखरी घाट पर 136.86 मीटर लंबा हाईलेवल पुल का निर्माण लगभग 05 करोड़ की राशि से कराया गया था। उक्त पुल में 07 स्पॉन एवं 06 पाया है। विगत दिनों उक्त पुल का तीसरा स्पॉन एवं दूसरा पाया क्षतिग्रस्त हो गया। उक्त पुल महत्वपूर्ण है तथा कई गांवों को जोड़ती है।

सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा इसे अत्यंत ही गंभीरता से लिया गया है। जिला प्रशासन के अनुरोध पर सरकार द्वारा उच्चस्तरीय अभियंताओं की टीम को उक्त क्षतिग्रस्त पुल की सूक्ष्मता से जांच करने हेतु पश्चिम चम्पारण भेजा गया है। उक्त टीम में श्री कमलेश चौधरी, चीफ इंजीनियर, ग्रामीण कार्य विभाग, बिहार, श्री नुरूल एन. इसरत, गुणवता प्रबंधक, ग्रामीण कार्य विभाग, बिहार एवं श्री संजीव कुमार, कार्यपालक अभियंता, मुख्यालय, पटना के नाम शामिल हैं।

इसी परिप्रेक्ष्य में आज जिलाधिकारी कार्यालय प्रकोष्ठ में उक्त टीम के साथ समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गयी। जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार ने कहा कि उक्त पुल स्थानीय लोगों के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण है। इसके क्षतिग्रस्त हो जाने के फलस्वरूप बड़ी आबादी प्रभावित है। उन्होंने कहा कि पुल का स्पॉन एवं पाया किन परिस्थितियों में क्षतिग्रस्त हो गया है, इसकी सूक्ष्मता से विभागीय निदेशों के आलोक में जांच करायें। जांच में दोषी पाये जाने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई निश्चित है।

श्री कमलेश चौधरी, चीफ इंजीनियर, ग्रामीण कार्य विभाग, बिहार सरकार द्वारा बताया गया कि विभागीय दिशा-निर्देशों के आलोक में क्षतिग्रस्त पुल की गहन जांच की जायेगी तथा जांच प्रतिवेदन मुख्यालय को समर्पित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि उक्त पुल की मरम्मति शीघ्र कराने हेतु भी हरसंभव प्रयास किया जायेगा। इसके लिए पुल के फाउंडेशन की जांच, गार्डर, स्ट्रक्चर, पाया आदि की सूक्ष्मता से जांच की जायेगी। हाइड्रोलिक जैक के माध्यम से या अन्य माध्यमों से क्षतिग्रस्त पुल की मरम्मति शीघ्र करायी जायेगी।

उन्होंने बताया कि 05 साल के अंदर क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में संबंधित एजेंसी द्वारा मेंटेनेंस करना होता है। बलोर नदी पर क्षतिग्रस्त पुल की मरम्मति में जो भी खर्च आयेगा उसे एजेंसी को वहन करना होगा। 05-10 साल के मामले में विभागीय स्तर पर सभी प्रक्रियाएं पूर्ण की जाती है।

बैठक में उपस्थित कार्यपालक अभियंता, ग्रामीण कार्य विभाग, नरकटियागंज द्वारा बताया गया कि स्थानीय निवासियों के लिए एक वैकल्पिक मार्ग भी है, जिसका उपयोग ग्रामीणों द्वारा किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने निदेश दिया कि स्वयं उक्त वैकल्पिक मार्ग का स्थलीय निरीक्षण करेंगे तथा मार्ग में अगर कहीं कटाव, सड़क क्षतिग्रस्त, पुल-पुलिया क्षतिग्रस्त, एप्रोच क्षतिग्रस्त के मामले आये तो तुरंत उसकी मरम्मती कराना सुनिश्चित करेंगे ताकि स्थानीय लोगों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।

कार्यपालक अभियंता द्वारा बताया गया कि ग्रामीण कार्य विभाग, नरकटियागंज द्वारा भारी बारिश एवं जलस्तर में वृद्धि-कमी के क्षतिग्रस्त सड़कों, पुल, पुलिया एप्रोच पथ में से 98 की मरम्मति कराकर आवागमन सुचारू कर दिया गया है। शेष स्थलों पर जलजमाव के कारण कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है। जलजमाव समाप्त होने पर मरम्मति कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा।

जिलाधिकारी कहा कि उक्त कार्यों की लगातार मॉनिटरिंग हाईलेवल पर हो रही है। भारी बारिश आदि कारणों से क्षतिग्रस्त सड़क, पुल, पुलियां, एप्रोच पथ आदि की मरम्मति युद्धस्तर पर कराना सुनिश्चित करें। निर्माण/मरम्मति कार्य में विभागीय दिशा-निर्देशों एवं गुणवता का शत-प्रतिशत अनुपालन करें। किसी भी सूरत में अनियमितता नहीं होनी चाहिए। गड़बड़ी की सूचना पर जांच करायी जायेगी तथा दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी।

जिलाधिकारी द्वारा सहायक समाहर्ता, श्री एस. सेधु माधवन को उक्त उच्चस्तरीय टीम के साथ क्षतिग्रस्त पुल का स्थलीय निरीक्षण करने हेतु निदेशित किया गया। इस अवसर पर अपर समाहर्ता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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