जीविका ने दिखाया स्वावलंबन की राह, अब समाज में जी रही है इज्जत की जिंदगी।
साझा किए स्वावलंबी जीवन की कहानी ।
न्यूज़ ब्यूरो वकीलुर रहमान खान,
बेतिया/ पादरी दोसैया, सेवा केंद्र ,बेतिया में सतत जीविकोपार्जन योजना से जुड़ी कुल 38 जीविका दीदियों का ग्रेजुएशन एप्रोच पर प्रशिक्षण समाप्त हुआ। इस प्रशिक्षण में चनपटिया, रामनगर और मैनाटांड की दीदी शामिल हुई।
इस प्रशिक्षण में ऐसी दीदियों को शामिल किया गया था जो पिछले एक वर्ष से अधिक समय से सतत जीविकोपार्जन से जुड़ी हुई है और योजना से सफलता पूर्वक किराना दुकान, बकरी और मुर्गीपालन आदि व्यवसाय से जुड़े रहकर पांच से सात हजार रुपया की आमदनी कर रही है। प्रशिक्षक विकास कुमार ने बताया कि इस ट्रेनिंग का उद्देश्य दीदियों को पूँजी निवेश एवं व्यापार के विविधीकरण कर किस प्रकार अपने रोजगार और आमदनी को बढ़ाया जा सकता है ।
योजना की नोडल पदाधिकारी शिवांगी श्री ने बताया कि सरकार द्वारा संचालित योजनाओं से सतत जीविकोपार्जन योजना की दीदियों का जुड़ाव किस प्रकार से हो कि इनका जीवन सहज और प्रभावी हो सके और समाज के अन्य लोगों की तरह अपना जीवन स्वाभिमान के साथ जी सके। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण के बाद दीदी अपने ग्राम संगठन के साथ जुड़ कर अपने भविष्य की योजना का निर्माण कर चरणबध्द तरीके से उसे पूरा करने का संकल्प लेंगी।
चनपटिया प्रखंड की शोभा देवी ने अपने आपबीती मे बताया कि पति की मौत के बाद वह बिल्कुल बेसहारा हो गई। बाद में किसी तरह देशी शराब और ताड़ी बेच कर अपना गुजारा कर रही थी, किंतु शराबबंदी के जीना मुहाल हो गया।जीविका से जुड़ने के बाद इन्हें सतत जीविकोपार्जन योजना के अंतर्गत मुझे किराना दुकान करने के लिए ₹20000 दिया गया। आज किराना दुकान की आमदनी से मै 12 बकरी और 10 मुर्गी खरीद कर अपने रोजगार को बढ़ाया है।
आज अब मैं अपने बच्चे को स्कूल भी भेज रही हूँ और समाज में स्वाभिमान पूर्वक जी रही हूं। मेरे जीवन में जीविका भगवान बन कर आया । आज जीविका की मदद से मुझ जैसे हजारों दीदी सम्मान पूर्वक जीवन जी रही है। प्रशिक्षण के समापन के मौके खरीदारी प्रबंधक अमजद हुसैन, साकिब इकबाल और मनी रत्नम ,दिव्य प्रकाश आदि उपस्थित रहे।