आदापुर से श्यामल प्रतीक की रिपोर्ट।
सरकार सत्याग्रह शताब्दी समारोह के उपरांत सात निश्चय योजना के तहत बापू की 150 वीं जयंती के अवसर पर पूर्वी चंपारण जिले को 2 अक्टूबर 2019 ओडीएफ घोषित करने के लिए जिले भर में तमाम पदाधिकारी को लगा पैसा पानी की तरह बहा दिया।
तथा इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जनप्रतिनिधियो से लेकर पदाधिकारीयो को गांव-गांव, घर-घर जाकर लोगो को शौचालय बनाने एवं इस्तेमाल करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया गया था, यहाँ तक की जिला अधिकारी श्री रमन कुमार ने पुरे जिले को ओडीएफ बनाने के लिए हाला बोल पोल खोल कार्यक्रम चलाया ताकि महात्मा गांधी एवं राम मनोहर लोहिया का स्वच्छ भारत स्वच्छ बिहार का सपना साकार हो सके।

लेकिन आज भी पूर्वी चंपारण के आदापुर प्रखंड कार्यालय में सर्वजनिक शौचालय नही है रोजमर्रा के काम से यहाँ पुरुष एवं महिलाये बड़ी तादाद में आती है। यहाँ साप्ताहिक बाजार भी लगता है लेकिन किसी भी चौक चौराहे या बाजार में सर्वजनिक शौचायल की व्यस्था नही है।
यह बाजार दस किलोमीटर का दूरगामी क्षेत्र है जहाँ दूर दूर से लोग आते है लेकिन कही कुछ व्यस्था नही है और बात करे प्रखंड कार्यालय की तो यहाँ शौचालय की हालत बद से बतर है। एक तरफ सरकार पूरे जिले को शौच मुक्त का दवा कर रही है और दूसरे तरफ ये आलम है आदापुर की।
यह तो वही बात हो गई “चिराग तले अँधेरा” इसे चरितार्थ करते हुये आदापुर प्रखंड परिसर अन्तर्गत बने शौचालय तथा मूत्रालय का सूरत-ए-हाल यह है शौचालय की।
यह सारा आलम प्रखंड विकास पदाधिकारी और आँचलधिकारी के कार्यालय की नाक के नीचे का है, टंकी से लेकर शौचालय का उपरी तल गायब हो चुका है। इसे बनाने की बात तो दूर इसे देखने-सुनने वाला यहाँ कोई आत्मा ही नही बचा है।
साथ ही प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और प्रखंड भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी कार्यालय समीप शौचालय की हालत जजर्र स्तिथि में है। आदापुर की यह स्तिथि देख कर मान ले लिया जाये की पूर्वी चंपारण सम्पूर्ण रूप से ओडीएफ हो चूका है तो बेईमानी होगी।