पटना: बिहार में सरकारी समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदारी के प्रति बिहार सरकार बेहद गंभीर है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले चालू वर्ष में गेहूं खरीद के लक्ष्य को दो लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर सात लाख मीट्रिक टन किया और अब पैक्सों को पूरी तरह इसी पर फोकस करने का निर्देश दिया है। सरकार ने पैक्सों के जन वितरण प्रणाली के लाइसेंस को तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया है। उनसे जुड़े लाभुकों को करीब की पीडीएस दुकानों से संबद्ध करने का आदेश दिया गया है।
इस संबंध में सहकारिता मंत्री राणा रणधीर ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद खाद्य उपभोक्ता संरक्षण विभाग की सहमति से यह फैसला गेहूं खरीद में तेजी लाने के मकसद से किया है। दोनों विभागों के सचिवों ने संयुक्त रूप से सोमवार को यह आदेश जारी कर दिया है।
गौरतलब है कि राज्य में अभी चार हजार पैक्सों के पास जन वितरण प्रणाली की भी जिम्मेदारी है। इन पैक्सों को गेहूं खरीद की प्रक्रिया से अलग रखा जाता है। हालांकि, धान खरीद में इनकी सक्रियता रहती है। इन पैक्सों से जुड़े किसानों को गेहूं बेचने के लिए दूसरे पैक्सों अथवा व्यापार मंडल पर निर्भर रहना पड़ता है।
जानकारी के अनुसार, कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन से लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए बिहार में इस बार पहली बार गेहूं खरीद का लक्ष्य दो लाख मीट्रिक टन से ज्यादा रखा गया है। ताकि किसी भी व्यक्ति या परिवार को अनाज के लिए कोई प्रॉब्लम नहीं हो। ऐसे में लॉकडाउन के चलते उन पैक्सों से जुड़े किसानों को अपनी पंचायत से बाहर जाने में दिक्कत हो सकती थी। ऐसे में तय किया गया कि पैक्सों को सिर्फ गेहूं खरीद के काम में ही लगाया जाए।