अगलगी घटनाओं की रोकथाम के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं अपडेट रखने का निर्देश: जिलाधिकारी

अगलगी घटनाओं की रोकथाम के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं अपडेट रखने का निर्देश: जिलाधिकारी

Bihar West Champaran

जिलेवासी अग्नि सुरक्षा को लेकर बरतें पूरी सतर्कता।

ब्यूरो रिपोर्ट, बेतियाः जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार ने कहा कि गर्मी के मौसम के मद्देनजर अगलगी की घटनाओं की रोकथाम हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थाएं अपडेट रखी जाय। गर्मी के मौसम को देखते हुए अगले तीन माह तक का समय अत्यंत ही संवेदनशील है।

इसलिए सभी अग्निशमन अधिकारियों एवं कर्मियों को पूरी तरह मुस्तैद रहकर अपने कर्तव्यों का बखूबी निवर्हन करना होगा। वे आज कार्यालय प्रकोष्ठ में अललगी की घटनाओं के रोकथाम हेतु आयोजित समीक्षात्मक बैठक में अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निदेश दिया है कि अधिकतम अग्नि प्रभावित स्थानों को चिन्हित कर आवश्यकतानुसार अग्निशामक वाहनों को प्री-पोजिशन मोड में रखा जाय ताकि अग्निकांड होने पर अग्निशामक वाहन घटनास्थल पर शीघ्र पहुंचकर अग्निशमन का कार्य त्वरित गति से किया जा सके जिससे कि कम से कम जानमाल की क्षति हो। अग्निशामक वाहनों के ईंधन टंकी में ईंधन एवं पानी टंकी में पानी हमेशा भरा हुआ रखा जाय। घटनास्थल पर प्रस्थान करते समय अग्निशामक वाहन एवं अन्य प्रकार के अग्निशामक उपकरण के साथ-साथ व्यक्तिगत सुरक्षात्मक उपकरण भी साथ ले जाना अतिआवश्यक है।

उन्होंने प्रत्येक ग्राम पंचायत के वार्ड सदस्य, सरपंच, आपदा समिति के सदस्यों के सहयोग से गांव-गांव में अग्नि सुरक्षा से संबंधित विभागीय गाइडलाइन का अनुपालन सुनिश्चित कराने का निदेश दिया है।
जिलाधिकारी द्वारा जिलेवासियों से भी अग्नि सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सजगता बरतने को कहा है। जिलेवासियों को निम्न बातों का पालन करने का आह्वान जिलाधिकारी द्वारा किया गया हैः-
1. हवा तेज होने के पूर्व खाना बना लें। विशेषकर जिनके घर फूस एवं खपरैल के हैं वे सुबह 8 बजे के पहले और रात्रि 7 बजे के बाद खाना बनाएं तो बेहअतर होगा। जब तेज हवा चल रही हो तो खाना नहीं बनाएं।

2. आग जलाने से पहले सभी जरूरी सामान जुटा लें ताकि जलता चूल्हा छोड़कर इधर-उधर न जाना पड़े।
3. आग जलाने से पहले एक बाल्टी पानी पास में सावधानी के तौर पर अवश्य रखें।
4. जहां पर भोजन बनाया जा रहा है उसके आसपास कोई भी सूखे जलावन न रखें।
5. भोजन बनाने के बाद चूल्हे के आग को पूर्णरूप से पानी डालकर बुझा दें।
6. रसोईघर को यथासंभव अग्निरोधक बनाने के लिए उसे चारों तरफ गिली मिट्टी का लेप लगाएं।
7. दीप, लालटेन, ढ़िबरी आदि के प्रयोग में सावधानी बरतें। खुली जगह में कभी भी किसी भी परिस्थिति में आग न जलाएं।
8. राख फेंकते समय आश्वस्त हो लें कि उसमें कोई चिंगारी तो नहीं है।
9. राख को खर-पतवार से अलग एक गड्ढ़े में रखें।
10. घर में हमेशा अग्निशामक पदार्थ जैसे कि पानी, बालू, सुखी मिट्टी, धूल आदि जमा कर रखें।

11. एक बड़े ड्रम में पानी हमेशा भरकर रखें।
12. रोशनी के लिए बैटरी वाले संयंत्र जैसे टाॅर्च, इमरजेन्सी लाईट आदि का ही जहां तक हो प्रयोग करें।

13. घर के आसपास लगे हुए पम्पसेट की जांच कर उसे किसी भी समय उपयोग में लाने के लिए तैयार अवश्य रखें।
14. यदि आसपास कोई तालाब या अन्य जलस्रोत हो तो वहां से खलिहान का पाईप (सिंचाई में उपयोग आने वाला पाईप) और पम्पसेट तैयार रखें।

15. थ्रेसर का इस्तेमाल करते समय उसके पास पर्याप्त मात्रा में पानी रखें, क्योंकि इसके उठने वाले आग की लपटों से खेत-खलिहान एवं घरों में आग लग सकती है। थ्रेसर चलाने में उपयोग आने वाले डीजल इंजन या टेªक्टर के धुआं वाले पाईप (साईलेंसर) से हवा की दिशा में अनाज का बोझा नहीं रखें।
16. खलिहान के आसपास बीड़ी, सिगरेट न पीये और ना ही किसी को पीने दें।
17. बिजली के तार के किसी भी जोड़ को ढ़ीला या खुला ना छोड़े।
18. दीपक (दीया), मोमबती को ऐसे जगह पर जलाकर न रखें जहां गिरकर आग लगने की संभावना हों।
19. मच्छरों से बचने के लिए पशुघर में घुरा न लगावें। यदि लगाने की आवश्यकता हो तो घुरा के पास पर्याप्त मात्रा में पानी का प्रबंध अवश्य करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *