फर्जी कागजात के आधार पर फर्जीवाड़ा कर अधिग्रहित भूमि का भुगतान लेने वाले अशोक कुमार छापोलिया पर एफआईआर करते हुए कड़ी कार्रवाई करने का निदेश।

फर्जी कागजात के आधार पर फर्जीवाड़ा कर अधिग्रहित भूमि का भुगतान लेने वाले अशोक कुमार छापोलिया पर एफआईआर करते हुए कड़ी कार्रवाई करने का निदेश।

Bihar West Champaran

जनवरी 2019 में प्राप्त किया गया भुगतान।

नीलामपत्र वाद दायर कर भुगतान की गयी राशि की होगी वसूली।

तत्कालीन अंचलाधिकारी पर कड़ी कार्रवाई करने का निदेश।

तत्कालीन हल्का कर्मचारी का पेंशन राशि जब्त कर होगी अनुशासनिक कार्रवाई।

ब्यूरो रिपोर्ट, पश्चिम चंपारण ,बेतिया: जिलाधिकारी,  कुंदन कुमार ने कहा कि  भू-अर्जन से संबंधित मामलों का निष्पादन करने में संबंधित अधिकारी सतर्कता बरते तथा पूरी तरह जांच-पड़ताल करने के बाद ही अधिग्रहित भूमि का भुगतान करना सुनिश्चित करें। किसी भी परिस्थिति में धोखाधड़ी करने एवं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भूमि का अधिग्रहण तथा उसका भुगतान नहीं हो। जिला कार्यालय प्रकोष्ठ में भू-अर्जन से संबंधित अधिकारियों को निदेशित कर रहे थे।

समीक्षा के दौरान जिला भू-अर्जन पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि वर्ष 2019 में रामनगर अंचल के अशोक कुमार छापोलिया उर्फ अशोक कुमार अग्रवाल, पुरानी बाजार, रामनगर द्वारा फर्जी कागजात के आधार पर भारत-नेपाल सीमा सड़क परियोजना अंतर्गत भूमि का अधिग्रहण कराकर भुगतान प्राप्त किया गया है। इस संदर्भ में जिलाधिकारी द्वारा अपर समाहर्ता, एसडीएम, बगहा एवं डीसीएलआर, बगहा की संयुक्त कमिटी का गठन कर मामले की विस्तृत जाँच का आदेश दिया गया था। संयुक्त जाँच प्रतिवेदन में आरोप सत्य पाया गया।

जिलाधिकारी द्वारा इसे अत्यंत ही गंभीरता से लेते हुए फर्जीवाड़ा करने वाले अशोक कुमार छापोलिया पर एफआईआर दर्ज करते हुए कड़ी कार्रवाई करने का निदेश संबंधित अधिकारियों को दिया गया है। साथ ही नीलाम पत्र वाद दायर कर भुगतान की गई राशि का अविलंब वसूली करने को कहा गया है। साथ ही यह भी जाँच करने का निदेश दिया गया है कि अधियाची विभाग से प्राप्त सूची में ही अशोक कुमार छापोलिया का नाम कैसे आया ?अधियाची विभाग द्वारा ही इस व्यक्ति का नाम लाभुकों में भेजा गया था।

जिलाधिकारी ने कहा कि तत्कालीन अंचलाधिकारी, रामनगर के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाय तथा तत्कालीन हल्का कर्मचारी जो अब सेवानिवृत्त हैं, के विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई करते हुए उनकी पेंशन राशि को जब्त करने की कार्रवाई की जाय।

जिलाधिकारी ने जिलास्तरीय पदाधिकारियों को निदेश दिया कि सभी अंचलाधिकारी को यह निदेशित करें कि भू-अर्जन से संबंधित मामलों की गहन जांच-पड़ताल कर ही अनुशंसा करें।

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