ब्लैक फंगस की पहचान के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की बोर्ड गठित करने का निदेश।
बेतिया न्यूज़ ब्यूरो वकीलुर रहमान खान जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार ने कहा कि म्यूकोरमाईकोसिस अर्थात ब्लैक फंगस बीमारी का संक्रमण वर्तमान में देश/राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में फैल रहा है। यह संक्रमण विशेषकर कम प्रतिरोधक क्षमता वाले कोविड-19 संक्रमित मरीजों में प्रतिवेदित हो रहा है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा इसे अधिसूच्य रोग घोषित किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस से संक्रमित व्यक्तियों के समुचित ईलाज एवं रोकथाम के लिए पूरी मुस्तैदी के साथ कार्य करना होगा। जिलाधिकारी कार्यालय प्रकोष्ठ में जिले में ब्लैक फंगस के मामलों की समीक्षा के दौरान जीएमसीएच के अधीक्षक, सिविल सर्जन एवं डॉक्टरों की टीम को निदेशित कर रहे थे।
समीक्षा के क्रम में डॉ0 प्रमोद तिवारी, अधीक्षक, जीएमसीएच के द्वारा बताया गया कि जिले में विगत दिनों ब्लैक फंगस के दो संदिग्ध मामले आए थे। दोनों ही को पैरानेजल साइनस स्कैनिंग कराया गया किंतु ब्लैक फंगस संक्रमण का मामला नहीं मिला। फिर उनका उचित ईलाज किया गया। इनका पुनः फाॅलोअप तीन दिन के बाद किया जाएगा।
अधीक्षक, जीएमसीएच के द्वारा बताया गया ब्लैक फंगस या म्यूकोरमाईकोसिस के लक्षण के तहत नाक बहने लगता है और नैजल डिस्चार्ज कालें रंग या भूरे रंग का होता है। वहीं दूसरी ओर की नाक बंद रहती है। इसके तहत चेहरे पर दर्द भी होता है और सर दर्द भी होता है। आंख के पिछले हिस्से में फंगल इन्फेक्शन होने पर आंख का बाहर की तरफ दिखाई पड़ना इस बीमारी का एक और लक्षण है। वहीं तालु के अंदर भी कालापन आ जाता है।
उन्होंने बताया कि साइनेस का इंडोस्कोपिक टेस्ट, नेजल कैवीटी का कल्चर और बायोप्सी करके ब्लैक फंगस की पहचान की जा रही है।
जिलाधिकारी ने अधीक्षक, जीएचसीएच को निदेशित करते हुए कहा कि वे ब्लैक फंगस की पहचान करने हेतु संबंधित सभी विशेषज्ञ डाक्टर्स की एक बोर्ड का गठन करें। उसकी बैठक शीघ्र करते हुए आम जन जागरूकता लाने के दृष्टिकोण से ब्लैक फंगस की पहचान एवं इससे बचाव के संदर्भ में एक प्रोटोकॅाल का निर्धारण करें। साथ ही इससे संबंधित एक साइनेजेज भी अस्पतालों में अधिष्ठापित कराये ताकि आम नागरिक इसके प्रति जागरूक रहे।
जिलाधिकारी ने कहा कि एक-एक जान कीमती है। ऐसी व्यवस्था करें कि ब्लैक फंगस संक्रमण की पहचान के उपरांत मरीजों को बेहतर चिकित्सीय सुविधा मुहैया हो और वे स्वस्थ हो सके। उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस संक्रमण से बचाव एवं संक्रमित व्यक्ति के समुचित ईलाज हेतु विशेषज्ञ डाक्टर्स, मानव बल का रोस्टर एवं उनकी उपस्थिति सुनिश्चित कराएं। इससे संबंधित दवाइयों की उपलब्धता, संसाधनों की उपलब्धता के संदर्भ में विभाग से अविलंब अधियाचना कर दें।
जिलाधिकारी ने निदेश दिया कि किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति से निबटने हेतु पर्याप्त सभी संसाधन, दवाईयों की अधियाचना, मानव बल एवं उनके रोस्टर की तैयारी अभी ही कर ली जाए। उन्होंने कहा कि कहा कि हरेक मरीज को बेहतर चिकित्सा प्राप्त हो, इस हेतु सारी व्यवस्थाएं अपडेट रखी जाय।
इस अवसर पर सिविल सर्जन, डॉ0 अरुण कुमार सिन्हा, अधीक्षक, जीएमसीएच, श्री प्रमोद तिवारी, निदेशक, डीआरडीए, श्री राजेश कुमार सहित अन्य संबंधित अधिकारी एवं डॉक्टर उपस्थित रहे वहीं सभी अनुमंडल पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, एमओआईसी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े रहे।