बेतिया /सिकटा संवाददाता अमर कुमार की रिपोर्ट सीमा सुरक्षा और बंधुत्व ही हमारा मूल मंत्र है।हमे सीमा पर सरहद की निगहबानी के साथ साथ सामाजिक कार्यो को भी देखना होता है।सीमा पर बसे गांव के लोगों में सामाजिक चेतना का भी विकास करना जरूरी होता है।और सबसे अधिक इसमे महत्वपूर्ण विषय है शिक्षा का।उक्त बातें एसएसबी 47वी वाहिनी के कमांडेंट प्रियवर्त शर्मा ने कहा।वे स्थानीय एसएसबी कैम्प में आयोजित वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह पर जवानों को संबोधित करते हुए बोल रहे थे।एक महीने तक चले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जवानों को रिफ्रेशमेंट ट्रेनिंग दी गई।जिसमें जवानों को हथियारों का प्रशिक्षण, अग्नेयास्त्रों को फायर करना, इनडोर क्लासेज, योगा और पीटी कराया गया।एसएसबी के सहायक कमांडेंट सतीश कुमार गुप्ता, अभिजीत खैरनार, और संदीप प्रसाद,निरीक्षक राजनंदन कुमार के द्वारा जवानों को प्रशिक्षित किया गया।इसमे विजयी प्रतिभागियों को कमांडेंट श्री शर्मा द्वारा पुरस्कृत भी किया गया।प्रशिक्षण के क्रम में बेस्ट फ़ायरर के रूप में कांस्टेबल दशरथ, बेस्ट इनडोर कांस्टेबल हरेराम बोलारिया, हथियारों की हैंडलिंग में कांस्टेबल वरुण को प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया।कमांडेंट श्री शर्मा ने पुरस्कार वितरण के बाद कहा कि प्रशिक्षण हमलोग ट्रेनिंग सेंटर में तो लेते ही है।साल में एक बार फिर से प्रशिक्षण लेने से किसी चीज की भूलने की संभावना नही रहती है।वही सहायक सेनानायक श्री गुप्ता ने देश के भौगोलिक स्थिति व सीमा पर पिलर से संबंधित जानकारी जवानों को दिया। कमांडेंट श्री शर्मा ने जवानों को प्रशिक्षित कर रहे प्रशिक्षक को भी सम्मानित किया।समापन समारोह के क्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।जिसमें बिहु डांस, भोजपुरी डांस, भांगड़ा एवं विभिन्न लोक कलाओं का प्रदर्शन किया गया।सांस्कृतिक कार्यक्रम में एएसआई संचार, प्रमेन्द्र पाठक,गजेंद्र तमांग, परमजीत सिंह, रमेश प्रसाद आदि जवानों ने भाग लिया।अंत मे वार्षिक प्रशिक्षण समारोह का समापन जवानों एवं अधिकारियों के साथ बड़े खाने से हुआ।मौके पर एसएसबी के निरीक्षक उदय कुमार सिंह, बिनोद, खांडू, सुभम के साथ साथ सांसद प्रतिनिधि राजेश पटेल मौजुद रहे।