Caa Protest

आखिर नागरिकता कानून पर हिंसा क्यो?..

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Caa Protest

प्रेषित: संजय कुमार

पिछले कुछ दिनों से हमारे देश मे नागरिकता कानून को लेकर बहुत ही हिसंक प्रदर्शन हो रही है। मैंने समाचार के माध्यम से देखा कि लोगो को पता तक नही है इसके बारे में फिर भी लोग प्रदर्शन कर रहे है। इस प्रदर्शन में सरकार की बिफलताओ के साथ-साथ विपक्ष का भी बहुत बड़ा हाथ है।यहां तक कि विपक्ष भी जनता को गलत सूचना दे रही है विपक्ष के एक नेता कहते है कि हमारे पड़ोसी देश मे लगभग 5 करोड़ अल्पसंख्यक रहते है अगर वो आ जाएंगे तो उन्हें कहा रखेंगे जबकि सच्चाई ये है कि सरकार ने जो कानून बनाया है और उनमें जिन्हें नागरिकता देने की बात की है वो पहले से ही देश मे रह रहे है क्योंकि सरकार ने कानून में बताया है कि जो लोग 31 दिसंबर 2014 के पहले देश मे आ गए है उन्हें ही नागरिकता दी जायेगी लेकिन विपक्ष जो कि वास्तव में अस्तित्व में है नही झूठ फैला रही है जिससे हिंसक घटनाये हो रही है। रही सरकार की विफलता की बात तो सरकार लोगो को समझाने और इस कानून के बारे में सही सूचना जनता तक पहुचाने में विफल रही है। सरकार को चाहिए था कि लोगो को सही सूचना उपलब्ध कराई जाए जनसभाओं के माध्यम से,प्रधानमंत्री की मन की बात कार्यक्रम, एवं अन्य माध्यम से लोगो को इसके बाड़े में जानकारी पहुचानी चाहिए। नागरिकता कानून में ऐसा कुछ भी नही है जिससे भारत के मुसलमानों को डरने की जरूरत है लेकिन हा पड़ोसी देश मे तो मुसलमान अल्पसंख्यक तो है नही इसलिए उन्हें नागरिकता मिलने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।
अगर इस देश मे NRC भी लागू कर दिया जाए CAA के साथ तो उस स्तिथि में उनलोगों को थोड़ी समस्या आ सकती है जिनके पास कागजात नही है लेकिन सरकार को भी कागजात में ढील देना चाहिए खैर अभी ये कानून आया नही है तो इसकी मूल सरंचना के बारे में कुछ कहा नही जा सकता है।हा लेकिन ये जरूर है कि CAA के कारण हिन्दू एवम पड़ोसी देश के अल्पसंख्यक को तो नागरिकता आसानी मिल जाएगी लेकिन जो मुसलमान(जो कि अल्पसंख्यक नही है) भाई लोग है उन्हें थोड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है लेकिन इसका मतलब ये नही है कि उन्हें इस देश का नागरिक नही माना जायेगा लेकिन थोड़ी परेशानी का सामना जरूर करना पड़ ताकत है।
एक कानून के कई सारे पहलू होते है उनमें वित्तिय पहलू भी एक है इस मंदी के हालात में सरकार के पास पर्याप्त पैसा नही है इसलिए सरकार को वित्तीय पहलू पर भी ध्यान देना चाहिए खैर मुझे इसकी ज्ञान नही है तो मुझे इसपर बोलना उचित नही होगा लेकिन समाचार के हिसाब से असम में केवल NRC लागू करने के लिए सरकारी खर्च(लोगो का खर्च छोड़कर) लगभग 399₹ प्रति व्यक्ति था।
अगर इसे पूरे देश मे लागू किया जाएगा तो खर्च कुछ इसी के आसपास होगी इसलिए सरकार को इसपर भी ध्यान देना चाहिए।

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