भारतीय विश्वकर्मा महासंघ के तत्त्वावधान में विश्वकर्मा समाज की सम्मान,हिस्सेदारी व बराबरी के लिए बैठक आयोजित

भारतीय विश्वकर्मा महासंघ के तत्त्वावधान में विश्वकर्मा समाज की सम्मान,हिस्सेदारी व बराबरी के लिए बैठक आयोजित

Bettiah Bihar West Champaran

बेतिया से वकीलुर रहमान खान की ब्यूरो रिपोर्ट!

बेतिया./ रामनगर (पश्चिमी चंपारण) भारतीय विश्वकर्मा महासंघ की बैठक की गई बैठक को संबोधित करते हुए भारतीय विश्वकर्मा महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकुल आनंद ने कहा मौजूदा समय में बहुराष्ट्रीय कंपनियों एवम कॉर्पोरेट लोगो के द्वारा लकड़ी एवम लोहे की काम शुरू कर दी गई है।जिससे हाथ की काम कामगार लोगो की हाथो से समाप्त हो गई है।जबकि विश्वकर्मा समाज की 98% लोगो की जीविकोपार्जन काष्ठ कला और लौह कला पर निर्भर है।आज यह समाज भुखमरी की कगार पर है।विश्वकर्मा समाज के लोग अपने संवैधानिक अधिकारों और सम्मान के लिए संगठित संघर्ष करें एवं अपने समाज को आगे बढ़ाने का कार्य करें।इसके अलावा दूसरा कोई भी रास्ता हमारे सामने नहीं है।बैठक में भाग लेने वाले सभी विश्वकर्मा समाज के लोगों के प्रति हम नमन अर्पित करते हैं और सादर निवेदन करता हु की समाज को एक जूट करने का संकल्प लेकर जाए एवम ध्यान केंद्रित कर ले विश्वकर्मा के सभी उपजातियों बढई,लोहार,कसेरा,ठठेरा,स्वर्णकार,कुम्हार सबों के एकजुटता और दावेदारी के रास्ते ही शक्तियों का निर्णायक मुकाबला हो सकता है।
बेबी चंकी ने कहा की विश्वकर्मा समाज की हक-अधिकार छीना जा रहा है। निर्णायक शिकस्त देने के लिए विश्वकर्मा समाज की एकजुटता जरूरी है।एक जुट होकर भाई मुकुल आनंद के हाथ को मजबूत करे।
मौके पर समशेर शर्मा ने कहा की सरकार वैज्ञानिक सोच के खिलाफ हैं जबकि विश्वकर्मा विरासत और इतिहास का तर्कवाद व वैज्ञानिकता है।रूढ़िवादी मान्यताओं की तार्किक आलोचनाओं को अपराध के बतौर स्थापित करने के लिए आक्रामक है।
युवा नेता सतीश शर्मा ने कहा कि आज से लेकर लोकसभा चुनाव 2024 एवम विधानसभा चुनाव 2025 तक विश्वकर्मा समाज की अस्तित्व को बचाने की चाहत रखने वाले लोगों के सामने एकमात्र कार्यभार सभी राजनीतिक दलों को शिकस्त देने के लिए अपनी अधिकतम ताकत व उर्जा लगाना होगा।इतिहास ने हमारे सामने चुनौती के साथ ऐतिहासिक भूमिका को निभाने का अवसर भी प्रस्तुत किया है।
सीतामढ़ी से आए हुए बासुदेव  शर्मा ने कहा कि केवल पुरानी राग अलापने या किसी का आलोचनाएं करने से इतनी बड़ी लड़ाई नही लड़ा जा सकता है।सारे लोग आपस में द्वेष ईर्ष्या को भूलकर जमीनी स्तर पर विश्वकर्मा समाज की एकजुटता बनाने की मुहिम की जरूरत है। यह बैठक उसी दिशा में लिया गया पहल है।
अध्यक्षीय संबोधन में कलक्टर शर्मा ने कहा कि विश्वकर्मा समाज की विरासत,पहचान व एजेंडा को बुलंद करते हुए ही निर्णायक लड़ाई लड़ी जा सकती है।
अंत में विश्वकर्मा समाज की आबादी के अनुपात में हिस्सेदारी जैसे सवालों पर संघर्ष का संकल्प लिया गया।
सीताराम शर्मा,उपेंद्र शर्मा,सरपंच सुरेंद्र शर्मा,गजेंद्र शर्मा,राजकुमार शर्मा आदि ने अपने अपने विचार दिए।बैठक में सैकड़ों लोग उपस्थित थे।
उधर बिहार के पश्चिमी चम्पारण जिला से आए वरीष्ठ पत्रकार व मानवाधिकार  एक्सीविस्ट ठाकुर रमेश शर्मा जो कि बगहा पुलिस जिला के रामनगर थाना क्षेत्र के तौलाहा गाँव वही गाव है जहां वाल्मीकिनगर लोक सभा के पूर्व उप विजेता युवा कांग्रेसी नेता शाश्वत केदार पांडेय के पिता स्व० डॉक्टर मनोज पांडेय के पिता भूतपूर्व मुख्यमंत्री स्व०केदार पांडेय तथा रेल मंत्री,सिचाईं मंत्री तथा बिहार सरकार में डिप्टी शिक्षा मंत्री,पथ निर्माण मंत्री भी रहे। ऐसे पावन धरती के छोटा सा पत्रकार ठाकुर रमेश शर्मा का भी निवास स्थान है। उन्हीं के साथ हरनाटाण के तिनफेडिया गाव निवासी स्व०बैद्यनाथ शर्मा के पुत्र विजय शर्मा व शास्त्री नगर निवासी रमाकांत शर्मा के पुत्र शिवकुमार शर्मा तथा नरकटियागंज अनुमंडल के भसुरारी पंचायत के पूर्व मुखिया श्यामा देवी के पति अखिलेश शर्मा (समाज सेवी)उधर मुरली भरहवा निवासी सेवानिवृत शिक्षक विकर्मा शर्मा ,माधोपुर बैरिया से श्री नथुनी ठाकुर के पुत्र हरिशंकर शर्मा का बेटा तेज तरार क्रिकेटर रूपेश शर्मा तथा शेरवा भुस्की से प्रोफेसर सुधीर विभवकर्मा ने इस बैठक में भाग लेकर चम्पारण की भागीदारी सुनिश्चित किया।

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