INDIA: एक बार किसी कार्यक्रम मे आए थे जब उनकी माँ भी वहाँ पूछते पूछते पहुची कि मेरा बेटा भी आया हैं वो भी रेलवे में हैं।
लोगों ने पूछा क्या नाम है तो उन्होंने जब नाम बताया तो सब चौक गए बोले, ”ये झूठ बोल रही है।”
पर वो बोली, ”नहीं वो आए है।”
लोगो ने उन्हें लाल बहादुर शास्त्री के सामने ले जाकर पूछा, ”क्या वहीं हैं ?”
तो माँ बोली, ”हाँ, वो मेरा बेटा है।”
लोग, मंत्री जी से दिखा कर बोले, ”वो आपकी माँ है।”
तो उन्होंने अपनी माँ को बुला कर पास बैठाया और कुछ देर बाद घर भेज दिया।
तो पत्रकारों ने पुछा, ”आप ने, उनके सामने भाषण क्यों नहीं दिया।”
”मेरी माँ को नहीं पता कि मैं मंत्री हूँ। अगर उन्हें पता चल जाय तो लोगों की सिफारिश करने लगेगी और मैं मना भी नहीं कर पाउंगा। …… ……. और उन्हें अहंकार भी हो जाएगा।”
जवाब सुन कर, सब सन्न रह गए।
“कहाँ गए वो निस्वार्थी सच्चे ईमानदार लोग …… ”
हम सदैव स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री जी जैसे लोगों को अपना जीवन आदर्श मानकर, हमें अपने कार्यक्षेत्र में जीना चाहिए।
जिस दौर में देश को भुखमरी से जूझ रहा था उस वक्त उन्होंने बंजर जमीन को इतना उपजाऊ बनाया की देश में अन्न का भंडार एकत्रित हो गया और देश से भुखमरी भाग गई, और उन्होंने ही हमें जय जवान जय किसान का नारा भी दिया था।